मणिपुर में उग्रवादियों ने जिरिबाम जिले के एक गांव में हमला कर दिया, जिसके बाद शनिवार को एक बार फिर हिंसा भड़क गई. इस बात की जानकारी एक अधिकारी ने दी. अधिकारी ने बताया कि उग्रवादियों ने आधुनिक हथियारों से तड़के करीब पांच ब
इसके साथ ही अधिकारियों ने भी बताया कि घटनास्थल पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों को भेजा जा रहा है. हालांकि राहत की बात यह है कि अभी तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. फिर से हिंसा शुरू होने पर सुरक्षा बल बुजुर्ग लोगों, महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं. जिरिबाम शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर बोरोबेकरा घने जंगलों से घिरा है और एक पर्वतीय क्षेत्र है. पिछले साल मई में राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद इस इलाके में ऐसे कई हमले हुए हैं.
शांति समाधान के लिए बैठक
मणिपुर एक साल से भी ज्यादा समय से हिंसा की आग से जूझ रहा है. इसकी को देखते हुए राज्य में जारी संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए संघर्षरत मैतई, कुकी और नागा समुदायों के विधायकों के बीच नई दिल्ली में बातचीत के लिए बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कुल 17 विधायक शामिल हुए. इनमें से 9 मैतई समुदाय के, 5 कुकी समुदाय के और 3 नागा समुदाय के थे. इस बैठक के कुछ ही दिन बाद यह हिंसा देखने को मिली है.
जे बोरोबेकरा पुलिस थाने के तहत आने वाले एक गांव को निशाना बनाया. उन्होंने बताया कि उग्रवादियों ने बमबारी भी की. इस दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और पुलिस कर्मियों ने जवाबी कार्रवाई की और दोनों ओर से भारी गोलीबारी हुई.
200 से ज्यादा लोगों की मौत
मैतई, कुकी और नागा समुदायों के बीच पहली बार कोई बैठक हुई थी, जो 4 घंटे तक चली तको लेकिन इसका क्या नतीजा निकला. यह सामने नहीं आया. पिछले साल मणिपुर ने भड़की हिंसा में 200 से ज्यादा से लोगों की जान गई थी. हाल में हुई बैठक में कुकी विधायकों ने फिर से मणिपुर के आदिवासी लोगों के लिए अलग प्रशासन या केंद्र शासित प्रदेश की मांग को दोहराया.