ब्रेकिंग
मोबाइल गुम या हो फ्रॉड…अब एक ही जगह दर्ज होगी शिकायत, Super App हो रहा लॉन्च आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में असम पुलिस को बड़ी कामयाबी, 8 आतंकियों को किया गिरफ्तार कश्मीर में चिल्लई कलां शुरू, श्रीनगर में जमी डल झील ,पाइप लाइन में जमा पानी प्यार, रेप, शादी फिर घर से निकाला, UP पुलिस के सिपाही ने दिया ऐसा दर्द; कमिश्नर को बताई आपबीती संजय राउत के बंगले के बाहर संदिग्ध ‘रेकी’ के मामले में पुलिस दो संदिग्धों को छोड़ा NCP में अलग-थलग पड़े छगन भुजबल, क्या लेंगे कोई बड़ा फैसला? अटकलें तेज बिहार: दरभंगा में घर में छिपाकर रखे आठ थे मगरमच्छ, 3 तस्करों को पुलिस ने दबोचा 14 बिल पर 2 मुद्दे भारी…शीतकालीन सत्र में संसद के 65 घंटे कैसे हो गए बर्बाद? 51 करोड़ रुपये लागत, 176 लग्जरी कॉटेज; प्रयागराज महाकुंभ में डोम सिटी हिल स्टेशन जैसा देगी अहसास PM मोदी 65 बार नॉर्थ ईस्ट आए, कोई ना कोई तोहफा लाए: अमित शाह

परिवार की पारंपरिक सीट से राज्य का नेतृत्व करेंगे उमर अब्दुल्ला… बड़गाम सीट से दिया इस्तीफा

जम्मू-कश्मीर के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बड़गाम विधानसभा की सीट से इस्तीफा दे दिया है और गांदरबल सीट से विधायक पद की शपथ ली है. सोमवार को जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर मुबारक गुल ने विधायकों को शपथ दिलाई.

इस दौरान प्रोटेम स्पीकर ने सदन को यह जानकारी दी. अब्दुल्ला ने विधानसभा के चुनाव में बड़गाम और गांदरबल दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी. उसके बाद से यह चर्चा का विषय था कि वह कौन सी सीट से राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे.

अब्दुल्ला परिवार का गढ़ है गांदरबल

गांदरबल सीट अब्दुल्ला परिवार की पारंपरिक सीट रही है. इस सीट से पार्टी के संस्थापक शेख अब्दुल्ला (1977) से लेकर वर्तमान में पार्टी के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला (1983, 1987, 1996) भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पूर्व में इस सीट से विधायक रह चुके हैं.

अब्दुल्ला पहले कार्यकाल 2008 से 2014 के बीच विधायक रहे थे. लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में उन्हें पीडीपी के काजी मोहम्मद से हार का सामना करना पड़ा था. 2024 के विधानसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला ने इस सीट पर पीडीपी के बाशीर अहमद मीर को 10,000 से ज्यादा वोटों से हराया.

घट गया एनसी की संख्याबल

राज्य के मुख्यमंत्री अब्दुल्ला के इस्तीफे के साथ ही राज्य की विधानसभा में नेशनल कॉन्फ्रेंस की संख्याबल घटकर 41 हो गई. लेकिन इससे राज्य सरकार के ऊपर कोई खतरा नहीं होगा क्योंकि उसे सहयोगियों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें कांग्रेस के 6, निर्दलीय के 5, सीपीएम और आप के 1 विधायक शामिल हैं.

हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 42 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. इसके बाद सहयोगियों के समर्थन से पार्टी ने सरकार बनाने का दावा किया और उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में सरकार बनाई.

पहली बैठक मे पूर्ण राज्य की मांग

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में गुरुवार 19 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर कैबिनेट ने अपनी पहली ही बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार से केंद्र शासित प्रदेश का राज्य का दर्जा बहाल करने का आग्रह किया था. प्रस्ताव में राज्य का दर्जा उसके मूल स्वरूप में बहाल करने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था.

मोबाइल गुम या हो फ्रॉड…अब एक ही जगह दर्ज होगी शिकायत, Super App हो रहा लॉन्च     |     आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में असम पुलिस को बड़ी कामयाबी, 8 आतंकियों को किया गिरफ्तार     |     कश्मीर में चिल्लई कलां शुरू, श्रीनगर में जमी डल झील ,पाइप लाइन में जमा पानी     |     प्यार, रेप, शादी फिर घर से निकाला, UP पुलिस के सिपाही ने दिया ऐसा दर्द; कमिश्नर को बताई आपबीती     |     संजय राउत के बंगले के बाहर संदिग्ध ‘रेकी’ के मामले में पुलिस दो संदिग्धों को छोड़ा     |     NCP में अलग-थलग पड़े छगन भुजबल, क्या लेंगे कोई बड़ा फैसला? अटकलें तेज     |     बिहार: दरभंगा में घर में छिपाकर रखे आठ थे मगरमच्छ, 3 तस्करों को पुलिस ने दबोचा     |     14 बिल पर 2 मुद्दे भारी…शीतकालीन सत्र में संसद के 65 घंटे कैसे हो गए बर्बाद?     |     51 करोड़ रुपये लागत, 176 लग्जरी कॉटेज; प्रयागराज महाकुंभ में डोम सिटी हिल स्टेशन जैसा देगी अहसास     |     PM मोदी 65 बार नॉर्थ ईस्ट आए, कोई ना कोई तोहफा लाए: अमित शाह     |