कोरोना काल में सबसे जरूरी सवाल यह है कि इस वायरस की रोकथाम और बचाव के लिए मास्क कैसा पहनना चाहिए और किस प्रकार का मास्क कितना फायदेमंद साबित हो सकता है।
कोरोना वायरस (coronavirus) महामारी के संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई के साथ मास्क (Mask) पहनना बहुत जरूरी है। वायरस को नाक या मुंह के सहारे शरीर के अंदर जाने से रोकने के लिए मास्क का इस्तेमाल किया जाता है। देश में अब इस महामारी के बहुत तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए मास्क पहनने को जोर देना बहुत जरूरी हो गया है।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस से फैली महामारी से बचने के लिए मास्क किसी हथियार से कम नहीं है। इतना ही नहीं हमें घर पर मास्क (DIY Masks) बनाने की विधि भी बताई गई है। इस समय ऑनलाइन फैशनेबल मास्क बिकने (Online Masks) भी लगे हैं। लेकिन बड़ा मुद्दा ये है कि क्या किसी भी तरह के मास्क को पहन लेने से हम वायरस के चपेट में आने से बच सकते हैं। कोरोना वायरस से बचाव के लिए कैसा मास्क पहनना जरूरी है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से लेकर भारत सरकार का स्वास्थ्य मंत्रालय (Health Ministry Of India) भी इसको लेकर जोर दे रहा है।
मददगार हैं घरेलू मास्क
कोरोना वायरस फैलाव रोकने में घरेलू मास्क भी काफी मददगार साबित होता है। अच्छे क्वालिटी के सूती कपड़े के मास्क Covid-19 से बचने में मददगार साबित हो सकता है।
ट्रिपल लेयर मास्क : संक्रमण से बचने के लिए यह मास्क कुछ कारगर है लेकिन इससे भी 30 से 40 प्रतिशत तक ही बचाव हो पाता है। तीन लेयर होने की वजह से यह संक्रमण को कुछ हद तक रोकने में कामयाब रहता है । इसकी कीमत 50 रुपये से शुरू होती है और 200 रुपये तक जाती है ।
सिक्स लेयर मास्क : यह संक्रमण से काफी हद तक बचाव करता है। इससे संक्रमण में लगभग 80 फीसदी बचाव हो सकता है परंतु बहुत अधिक संक्रमित क्षेत्र में यह अधिक कारगर नहीं है। यह काफी हद तक वायरस से संक्रमित होने से बचाता है। यह 200 रुपये से लेकर 1000 रुपये तक की रेंज में उपलब्ध है। इस मास्क को कई बार धोकर इस्तेमाल किया जा सकता है ।
एन-95 : यह मास्क संक्रमण से बचने के लिए सबसे सुरक्षित मास्क माना जाता है। यह संक्रमण को शरीर में जाने से रोकता है। इस मास्क का मूल्य 1000 रुपये से शुरु होकर 1500 रुपये है । डॉक्टर भी आमतौर पर इसी मास्क का प्रयोग करते हैं। लेकिन यह मास्क बेहद टाइट होते हैं और इसी वजह से इन्हें लंबे समय तक पहने रहना संभव नहीं है।
WHO क्या कहता है
डब्ल्यूएचओ (WHO) की जानकारी के अनुसार, मास्क की बाहरी परत पानी प्रतिरोधी / वॉटर रेसिस्टेंट कपड़े से बनी होनी चाहिए, अंदर यानी मुंह से चिपकी रहने वाली परत वॉटर अब्सॉर्बेंट यानी जल-शोषक होनी चाहिए और बाकी बची एक परत फिल्टर के तौर पर हल्के कपड़े की होनी चाहिए।
ये सावधानियां बरतें
फैब्रिक फेस मास्क पहनने से पहले, अपने हाथों को अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइटर या साबुन और पानी से धोएं।
हमेशा साफ मास्क ही पहनें। कटा-फटा, गंदा मास्क यूज नहीं करना चाहिए। इतना जांचने के बाद मास्क को डोरियों से पकड़कर उठाएं।
अपने नाक, मुंह और ठोड़ी को ढंकते हुए मास्क को पहनें।
यह ध्यान रखें कि पहनते समय मास्क की भीतरी सतहों को नहीं छूना है।