महाराष्ट्र में चुनाव से पहले ताबड़तोड़ ट्रांफसर, लेकिन डीजीपी रश्मि शुक्ला को हटाने पर अड़ी कांग्रेस, आखिर क्यों?
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता 15 अक्टूबर से लागू हो गई है.चुनाव से पहले ही पुलिस अधिकारियों के ताबड़तोड़ ट्रांसफर किए जा रहे हैं. इसी में गुरुवार को भी 28 पुलिस अधिकारियों के तबादले किए गए हैं. इनमें से 15 मुंबई से हैं. इससे पहले बुधवार को ही महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक ने राज्य भर से 300 से ज्यादा पुलिस इंस्पेक्टर के ट्रांसफर कर दिए थे.
जहां महाराष्ट्र में सैकड़ों तबादले हो रहे हैं. वहीं कांग्रेस महाराष्ट्र की डीजीपी रश्मि शुक्ला को हटाने के लिए मांग पर अड़ी हुई है, जिसके लिए कांग्रेस लीडर नाना पटोले ने गुरुवार को भारत के चुनाव आयोग से 20 नवंबर के विधानसभा चुनावों के चलते डीजीपी रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग की. उन्होंने ECI को एक पत्र लिखा और आरोप लगाया कि रश्मि शुक्ला एक कंट्रोवर्शियल ऑफिसर हैं. नाना पटोले ने लिखा की रश्मि शुक्ला ने बीजेपी का पक्ष लिया था और ऐसे में उनके पद पर बने रहने से महाराष्ट्र में निष्पक्ष चुनाव को लेकर संदेह पैदा होगा.
कांग्रेस की मांग को किया नजरअंदाज
नाना पटोले ने कहा कि चुनाव आयोग ने शुक्ला को हटाने के लिए कांग्रेस की मांग को नजरअंदाज कर दिया था लेकिन विपक्ष शासित पश्चिम बंगाल और चुनावी राज्य झारखंड के पुलिस अधिकारियों को हटाने के लिए भाजपा की इसी तरह की मांग को चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 24 सितंबर और 4 अक्टूबर को पत्र लिखकर शुक्ला को हटाने की मांग की थी और जब ECI अधिकारियों ने 27 सितंबर को मुंबई का दौरा किया, तब भी पार्टी के एक डेलिगेशन ने यह मांग दोहराई थी.
“रश्मि शुक्ला का नजरिया कंट्रोवर्शियल”
कांग्रेस लीडर नाना पटोले ने आरोप लगाया कि पुलिस कमिश्नर और जिला पुलिस अधिकारियों को विपक्षी नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज करने और उन्हें परेशान करने का आदेश दिया है. पुलिस मशीनरी विपक्षी नेताओं और कार्यकर्ताओं पर प्रेशर बना रही है और उन पर दबाव डाल रही है और धमकी भी दे रहा है. रश्मि शुक्ला का नजरिया पहले भी कंट्रोवर्शियल रहा है. वह विपक्षी नेताओं के फोन टैपिंग में शामिल थीं और उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए थे.
“कंट्रोवर्शियल DGP को हटाना जरूरी”
यहीं नहीं उन्होंने आगे लिखा बीजेपी के सत्ता में आने के बाद, शुक्ला को डीजीपी पद पर नियुक्त किया गया था और उनके रिटायरमेंट के बाद भी उनका कार्यकाल गलत तरीके से बढ़ाया गया था. निष्पक्ष और अच्छे चुनाव माहौल के लिए कंट्रोवर्शियल डीजीपी रश्मि शुक्ला को हटाना जरूरी है, जो सत्तारूढ़ पार्टी की मदद करती है. चुनाव आयोग को उनके खिलाफ तुरंत एक्शन लेना चाहिए.