देश की राजधानी दिल्ली में गोल्ड की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. वास्तव में इंटरनेशनल मार्केट में डॉलर इंडेक्स में गिरावट आने से गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है. जिसका असर दिल्ली से लेकर न्यूयॉर्क तक देखने को मिल रहा है. जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. दिसंबर महीने के एंड तक दिल्ली में गोल्ड की कीमतें में 77,000 रुपए के लेवल पर पहुंच सकती है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर देश की राजधानी दिल्ली के साथ विदेशी बाजारों में गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में किस तरह की गिरावट देखने को मिल रही है.
दिल्ली में गोल्ड और सिल्वर हुआ सस्ता
अखिल भारतीय सर्राफा संघ की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोमवार को सोना 450 रुपये की गिरावट के साथ 79,550 रुपए प्रति 10 ग्राम रह गया. शुक्रवार को सोना 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाले सोने की कीमत भी 450 रुपये घटकर 79,150 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई. शुक्रवार को यह 79,600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी. चांदी की कीमत भी 600 रुपये टूटकर 94,000 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, जबकि पिछले कारोबारी सत्र में इसका भाव 94,600 रुपये प्रति किलोग्राम था.
विदेशी बाजार में भी सस्ता हुआ गोल्ड
न्यूयॉर्क के कॉमेक्स बाजार में गोल्ड फ्यूचर की कीमतों में 31 डॉलर प्रति ओंस की गिरावट देखी जा रही है, जिसकी वजह से दाम 2,664 डॉलर प्रति ओंस पर आ गए हैं. गोल्ड स्पॉट के दाम 28 डॉलर प्रति ओंस की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे हैं और कीमतें 2,656.49 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रही हैं. सिल्वर फ्यूचर की कीमतों में करीब एक फीसदी की गिरावट देखने को मिल रही है और दाम 31.14 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सिल्वर स्पॉट के दाम 0.84 फीसदी की गिरावट के साथ 31.05 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रहे हैं.
क्या कह रहे हैं जानकार
एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक (कमोडिटी एंड करेंसी) जतीन त्रिवेदी ने कहा कि सोने की कीमतें कम हो रही हैं, कॉमेक्स में गिरावट है, अभी का भाव शुक्रवार के 2,685 डॉलर के बंद भाव से नीचे है क्योंकि डॉलर इंडेक्स में मजबूती से पीली धातु पर दबाव पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत के बाद अमेरिकी बॉन्ड की कीमतों में बढ़ोतरी से सर्राफा में सुधारात्मक रुझान को बढ़ावा मिल रहा है.