ब्रेकिंग
ढाई साल की मासूम से दरिंदगी… 2 महीने में ही फैसला; गाजीपुर के बिल्ला को उम्र कैद की सजा जिंदा घूम रही थी पत्नी, पति पर चल रहा था हत्या का केस; जानिए कैसे खुली पोल? वैशाली में महिला की हत्या, बोरे में बंद कर गंगा में फेंका शव, 4 महीने पहले हुई थी शादी ‘Pushpa 2’ बनी साल 2024 की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली फिल्म, बिके इतने लाख टिकट्स उनका दिमाग…अश्विन ने अपने पार्टनर से ही छुपाया इतना बड़ा राज लेट इकम टैक्स जमा करने पर क्यों लगती है दो कैटेगरी में पेनल्टी, क्या इसमें भी है अमीर-गरीब का चक्कर? Google ने किया Layoff का ऐलान, इन कर्मचारियों पर गिरी गाज सोमवती अमावस्या पर इन जगहों पर जलाएं दीपक, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा! यूक्रेन का रूस पर 9/11 जैसा हमला, 6 इमारतों को बनाया ड्रोन से निशाना इन तरीकों से भी किया जा सकता है मेडिटेशन, शायद आप भी न जानते हों

दुनिया से एक साथ हुए जुदा… पत्नी की मौत की खबर सुन पति ने भी तोड़ा दम, एक ही अर्थी पर हुआ अंतिम संस्कार

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक अजीब घटनाक्रम हुआ है. यहां रामपुर उर्फ साधुपुर गांव में रिटायर्ड लेखपाल कामेश्वर उपाध्याय और उनकी पत्नी चंपा उपाध्याय काफी समय से बीमार थीं. दोनों का इलाज वाराणसी से हो रहा था. हाल ही में कामेश्वर उपाध्याय की तबियत सुधरने पर उन्हें घर लाया गया. जबकि उनकी पत्नी अस्पताल में ही भर्ती थीं. इसी बीच खबर आई कि इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.

इस खबर से कामेश्वर उपाध्याय को ऐसा सदमा लगा कि कुछ ही सेकंड में उनकी भी मौत हो गई. इसके बाद वाराणसी से उनकी पत्नी का शव गाजीपुर लाया गया और यहां एक ही अर्थी पर दोनों का अंतिम संस्कार हुआ. एक ही अर्थी पर जब दोनों को रखकर श्मशान ले जाया जा रहा था, उसे देखकर पूरे गांव के लोग गमगीन हो उठे. इस शवयात्रा में गांव के सभी बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल हुए और गांव के सामने गंगा तट पर एक ही अर्थी सजाकर दोनों का अंतिम संस्कार किया गया.

वाराणसी में चल रहा था इलाज

उन्हें छोटे बेटे ने मुखाग्नि दी. सीआरपीएफ में जवान छोटे बेटे मृत्युंजय ने बताया कि उसके पिता रिटायर्ड लेखपाल कामेश्वर उपाध्याय 87 साल के थे. वहीं उनकी मां चंपा उपाध्याय 85 वर्ष की थीं. बताया कि उनकी मां का वाराणसी के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. यह खबर जैसे ही उनके पिता को मिली, कुछ सेकंड में ही उन्होंने भी दम तोड़ दिया.

एक साथ हुआ अंतिम संस्कार

ऐसे में वाराणसी से मां का शव गाजीपुर लाकर दोनों का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया है. बताया कि कामेश्वर उपाध्याय अपने चार भाइयों में सबसे छोटे थे. वहीं उनके तीन पुत्र है. इनमें सबसे बड़े दयानंद यूपी पुलिस में हैं. दूसरे नंबर वाले शिवजी उपाध्याय परमाणु उर्जा विभाग में वरिष्ठ प्रबंधक है. इसी प्रकार सबसे छोटा बेटा मृत्युंजय सीआरपीएफ में है.

ढाई साल की मासूम से दरिंदगी… 2 महीने में ही फैसला; गाजीपुर के बिल्ला को उम्र कैद की सजा     |     जिंदा घूम रही थी पत्नी, पति पर चल रहा था हत्या का केस; जानिए कैसे खुली पोल?     |     वैशाली में महिला की हत्या, बोरे में बंद कर गंगा में फेंका शव, 4 महीने पहले हुई थी शादी     |     ‘Pushpa 2’ बनी साल 2024 की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली फिल्म, बिके इतने लाख टिकट्स     |     उनका दिमाग…अश्विन ने अपने पार्टनर से ही छुपाया इतना बड़ा राज     |     लेट इकम टैक्स जमा करने पर क्यों लगती है दो कैटेगरी में पेनल्टी, क्या इसमें भी है अमीर-गरीब का चक्कर?     |     Google ने किया Layoff का ऐलान, इन कर्मचारियों पर गिरी गाज     |     सोमवती अमावस्या पर इन जगहों पर जलाएं दीपक, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा!     |     यूक्रेन का रूस पर 9/11 जैसा हमला, 6 इमारतों को बनाया ड्रोन से निशाना     |     इन तरीकों से भी किया जा सकता है मेडिटेशन, शायद आप भी न जानते हों     |