उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में पत्नी ने अपने ससुरालियों पर पति को जहर देकर मार दने का आरोप लगाया. पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने मृतक के शव को चिता से उतार लिया और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने पर पत्नी का दावा झूठा निकला है. पुलिस जांच में पता चला है कि दोनों के बीच विवाद था और नौबत तलाक पर आ चुकी थी. पत्नी अपने मायके में रहती थी.
पूरा मामला गाजीपुर कोतवाली के फुल्लनपुर इलाके का है. करीब 10 दिन पहले फुल्लनपुर के रहने वाले एक युवक अमित के संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. उसकी मौत के बाद परिवार के लोगों ने उसका अंतिम संस्कार करने के लिए हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शमशान घाट पर ले गए. वहां पर सभी क्रिया कर्म करने के पश्चात उसके शव को चिता पर रख दिया गया. उसमें आग भी लगा दी गई थी, तभी वहां पर मृतक की पत्नी मनीषा के साथ पुलिस पहुंची और जलती हुई चिता को बुझाकर लाश को उतरवा लिया. पुलिस अभिरक्षा में लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था.
पति-पत्नी के बीच रहता था विवाद
अमित और मनीषा की हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शादी हुई थी. लेकिन कुछ समय के पश्चात आपसी विवाद के चलते दोनों अलग-अलग रहने लगे. मामला कोर्ट तक पहुंचा और तलाक की नौबत आ गई थी. जिसका मामला गाजीपुर कोर्ट में चल रहा था. इसी दौरान अमित मानसिक रूप से काफी अस्वस्थ रहने लगा और करीब 10 दिन पहले उसकी मौत हो गई. परिवार के लोग उसे दाह संस्कार के लिए शमशान घाट लेकर चल दिए. इसकी जानकारी जैसे ही उसकी पत्नी को हुई वह भी पुलिस को जहर खिलाकर मारने की जानकारी देते हुए शमशान घाट पहुंची. पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए तत्काल शव को अपने कब्जे में ले लिया.
पुलिस ने महिला के आरोपों को बताया झूठा
इस घटना के बाद लोगों में उत्सुकता बनी थी कि आखिर अमित की मौत का कारण क्या है, जिसको लेकर पत्नी ने इतना गंभीर आरोप लगाया. वहीं अब इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है, जिसमें जहर से मौत की पुष्टि नहीं हुई है. इस बात की जानकारी कोतवाली प्रभारी दीनदयाल पांडे ने दिया. उन्होंने बताया कि मृतक की पत्नी मनीषा के द्वारा मृतक को जहर खिलाकर मारने का आरोप लगाया गया था. जिसकी जानकारी पर श्मशान घाट पर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था. अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में किसी भी तरह के चोट के निशान या फिर जहर खिलाने का जो आरोप लगाया गया था इसकी पुष्टि नहीं हुई है.