भोपाल : भोपाल सहित प्रदेश भर के क्षेत्रीय व जिला परिवहन कार्यालयों में वाहनों के पंजीयन कार्ड बनाने की प्रक्रिया अटक रही है। इसकी वजह है पंजीयन के समय दर्ज फोन नंबर। उस समय अधिकतर लोगों के पास मोबाइल फोन नहीं था, ऐसे में अपने कार्यालय का या किसी परिचित का लैंडलाइन नंबर लिखा दिया जाता था। कई लोगों ने जो नंबर लिखाया था, वह अब बंद कर दिया है।
नंबर अपडेट नहीं होने से ओटीपी नहीं
समय बदलने के साथ इसके अपडेट का कोई विकल्प नहीं था। अब पुराने वाहनों के पंजीयन नवनीकरण और स्थानांतरण के लिए वाहन-चार पोर्टल पर जैसे ही आवेदन किए जाते हैं तो नंबर अपडेट नहीं होने से ओटीपी नहीं पहुंचता। इस ओटीपी के अभाव में नवीनीकरण की प्रक्रिया रुक रही है। भोपाल में ही हर रोज 200 से 250 लोग परेशान हो रहे हैं।
11 हजार से अधिक वाहन मालिक परेशान
वहीं प्रदेश भर में 11 हजार से अधिक वाहन मालिक परेशान हो रहे हैं। क्षेत्रीय व जिला परिवहन अधिकारियों की ओर से वाहन मालिकों की मोबाइल नंबर अपडेट करने के लिए वाहन मालिकों से संपकल्प पत्र द्वारा जानकारी जुटाई जाने लगी है, लेकिन इस प्रक्रिया में भी समय लग रहा है। आनलाइन व्यवस्था के तहत एक सप्ताह में वाहनों के पंजीयन नवनीकरण व स्थानांतरण नहीं हो पा रहा है।
वाहनों के स्थानांतरण में भी आ रही दिक्कत
मोबाइल फोन पर ओटीपी नहीं आने से वाहनों के स्थानांतरण कराने में भी लोगों को दिक्कत आ रही है। ओटीपी नहीं आने से पुराने वाहन खरीदने के बाद लोग स्थानांतरण नहीं करा पा रहे हैं। भोपाल सहित प्रदेश भर में करीब पांच हजार वाहन मालिक स्थानांतरण के लिए परेशान हो रहे हैं। मोबाइल अपडेट कराने के लिए आरटीओ व डीटीओ के चक्कर लगा रहे हैं।
केस-एक
संत हिरदाराम नगर निवासी प्रताप ठाकुर ने एक फर्म के नाम के एक दोपहिया गाड़ी का स्तानांतरण के लिए कियोस्क संचालक से आवेदन कराया, लेकिन मोबाइल नंबर पर ओटीपी नहीं आया। इससे जल्दी आनलाइन वाहन का स्थानांतरण फिलहाह अटक गया है।