सुप्रीम कोर्ट में साल 2019 के नवंबर में दशकों से चले आ रहे अयोध्या विवाद में फैसला आने के बाद यह उम्मीद जताई गई थी कि अन्य जगहों पर मंदिर-मस्जिद विवाद ज्यादा जोर नहीं पकड़ेगा. हालांकि तब यह नारा भी कई जगह लगाया गया ‘अयोध्या तो अभी झांकी है, मथुरा-काशी अभी बाकी है.’ लेकिन ‘सुप्रीम’ फैसले के 5 साल बाद देश में अब मंदिर मस्जिद से जुड़े मामलों में तेजी आ गई है. कई शहरों में मस्जिद के नीचे मंदिर होने को लेकर दावे किए जाने लगे हैं.
अयोध्या पर फैसला आने के बाद मंदिर-मस्जिद से जुड़े देशभर में अब तक 16 ऐसे मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 9 मामले नए हैं, जबकि 3 विवाद पुराने हैं. वहीं 4 मामले ऐसे हैं जो अभी कोर्ट की दहलीज तक नहीं आए हैं. 3 पुराने विवादों में कर्नाटक में बाबा बुदनगिरी दरगाह के अलावा वाराणसी का ज्ञानवापी मस्जिद और लखनऊ की टीले वाली मस्जिद शामिल हैं. यहां पहले से ही मामले चल रहे हैं. जबकि वो 4 विवाद जो सिर्फ अभी चर्चा में है और कोर्ट तक नहीं आए हैं, वो हैं दिल्ली की जामा मस्जिद, विदिशा की बीजा मंडल और हैदराबाद की चार मीनार प्रमुख हैं.
पिछले 4 सालों में मंदिर मस्जिद से जुड़े 9 विवाद कोर्ट पहुंच गए हैं. इसमें अकेले 5 मामले उत्तर प्रदेश से जुड़े हैं जबकि एक राजधानी दिल्ली, एक राजस्थान, एक मध्य प्रदेश और एक कर्नाटक से जुड़ा हुआ है.
संभल की जामा मस्जिद
उत्तर प्रदेश के संभल जिले की जामा मस्जिद पिछले महीने सर्वे और फिर भड़की हिंसा की वजह से सुर्खियों में रहा था. हिंसा में कई लोगों की मौत हो गई. इस पर जमकर राजनीति हुई. सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोगों ने हिंसा के लिए एक-दूसरे पर निशाना भी साधा.
मस्जिद को लेकर यह दावा किया गया है कि हरिहर मंदिर को तोड़कर यह मस्जिद बनाई गई है. संभल में पिछले महीने 19 नवंबर को स्थानीय अदालत की ओर से मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण कराए जाने का आदेश दिए जाने के बाद से तनाव की स्थिति बनी हुई थी. हालांकि तब सर्वे का काम पूरा करा लिया गया था. लेकिन उसके बाद 24 नवंबर को मस्जिद की दूसरी बार सर्वे कराने का आदेश दिया गया जिस दौरान हिंसा भड़क गई. हिंसा में 5 लोगों की जान चली गई, जबकि कई घायल हो गए थे. मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है.
जौनपुर की अटाला मस्जिद
मंदिर-मस्जिद से जुड़ा यह मामला भी उत्तर प्रदेश से ही जुड़ा है. यूपी के जौनपुर जिले की अटाला मस्जिद पर भी विवाद खड़ा हो गया है. दावा किया जा रहा है कि इस मस्जिद को अटाला देवी मंदिर को तोड़कर बनाया गया. इस दावे का सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से विरोध किया गया. मामला कोर्ट पहुंचा तो जज ने कहा कि जब ज्ञानवापी और मथुरा जैसे मामले सुने जा सकते हैं तो यह क्यों नहीं सुना जा सकता. इस मामले को भी सुन सकते हैं.
बदायूं की शम्सी जामा मस्जिद
शम्सी जामा मस्जिद का मामला भी यूपी से जुड़ा हुआ है. यह मस्जिद बदायूं जिले में पड़ती है. यह करीब हजार साल पुरानी मस्जिद है. इसे 13वीं सदी में गुलाम वंश के सुल्तान शम्सुद्दीन इल्तुतमिश ने बनवाया था. इस पर विवाद 2 साल पहले साल 2022 में शुरू हुआ जब यह दावा किया गया कि नीलकंठ महादेव के मंदिर को तोड़कर यह मस्जिद बनाई गई. हिंदू संगठनों की ओर से इस मस्जिद पर अपना दावा ठोंक दिया गया. मामला अब कोर्ट में है.
फतेहपुर सीकरी की जामा मस्जिद
आगरा के पास पड़ने वाली फतेहपुर सीकरी की जामा मस्जिद का मामला भी कोर्ट में हैं. यहां की जामा मस्जिद को लेकर दावा किया जा गया है कि पहले यहां पर कामाख्या देवी का मंदिर हुआ करता था और बाद में इसे तोड़कर मस्जिद बना दी गई. मंदिर होने के दावे के खिलाफ सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और मस्जिद प्रबंधन समिति केस लड़ रही है.
मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद
उत्तर प्रदेश के मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है. साल 2020 में कई संगठनों की ओर से यह दावा किया गया कि मस्जिद को श्रीकृष्ण के जन्मस्थल पर बनाया गया. स्थानीय अदालत से होते हुए मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो उसने सर्वे के लिए कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर दिया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे पर ही रोक लगा दी. शाही ईदगाह मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कम से कम 18 मामले दाखिल किए गए हैं.
दिल्ली की कुव्वत मस्जिद पर विवाद
दिल्ली के विश्व प्रसिद्ध कुतुबमीनार के पास स्थित कुव्वत उल मस्जिद पर भी विवाद छिड़ गया. दावा किया गया कि कई हिंदू देवी-देवताओं के मंदिरों को तोड़कर यह मस्जिद बनाई गई. मामला कोर्ट पहुंचा. साल 2021 में कोर्ट ने विवाद से जुड़ी याचिका खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि वर्तमान दौर की शांति को भंग नहीं किया जा सकता.
मेंगलुरु की जुम्मा मस्जिद
कर्नाटक के मेंगलुरु शहर में भी मंदिर-मस्जिद विवाद सामने आया है. साल 2022 में यह दावा किया गया कि इस मस्जिद के नीचे हिंदू मंदिर है. मंदिर से जुड़े बड़ी संख्या में अवशेष और मूर्तियां नीचे मौजूद हैं. कई संगठन यहां पर खुदाई करने और एएसआई से सर्वे कराए जाने की मांग कर रहे हैं. मामला अभी कोर्ट में लंबित है.
राजस्थान की अजमेर शरीफ की दरगाह
राजस्थान की विश्व प्रसिद्ध अजमेर शरीफ की दरगाह पर यह नया विवाद सामने आया है. यह दरगाह सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह है. इसे लेकर एक हिंदू संगठन की ओर से दावा किया गया कि पहले यहां पर शिव मंदिर हुआ करता था. फिर इसे नष्ट कर दरगाह बनाई गई. यह मामला भी कोर्ट में चल रहा है.
मध्य प्रदेश का भोजशाला विवाद
मध्य प्रदेश के धार जिले में पड़ने वाला भोजशाला मस्जिद भी विवादों में आ गया है. इस मस्जिद को हिंदू वाग्देवी यानी सरस्वती देवी का मंदिर मानते हैं. जबकि मुसलमानों का कहना है कि यह कमाल मौला मस्जिद है. साल 2022 में हाईकोर्ट के आदेश के बाद भोजशाला का सर्वे कराया गया. जिसमें 94 मूर्तियों के अलावा बड़ी संख्या में सिक्के मिले थे. फिलहाल यह केस सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है.