उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अगले साल जनवरी में महाकुंभ मेले का आयोजन होने जा रहा है. इससे पहले काशी विद्वत परिषद की ओर से बड़ा ऐलान किया गया है. काशी विद्वत परिषद 17 जनवरी को सनातन संस्कृति के सभी मतों और सम्प्रदायों के प्रमुखों और अखाड़ा परिषद के साथ महाकुंभ में एक महत्वपूर्ण बैठक करने जा रहा है. बैठक में काशी की गलियों में पौराणिक मंदिर जो किसी के मकान के अंदर हैं, छुपे हुए हैं या विलुप्त हो चुके हैं उन मंदिरों के बारे में बात होगी और उनकी मुक्ति के लिए अभियान चलाया जाएगा.
बैठक में उन मंदिरों को आवश्यकता अनुसार खरीदने की भी व्यवस्था के बारे में बात होगी. साथ ही जिनके नियंत्रण में ये मंदिर हैं उन लोगों से मंदिरों को स्वेच्छा से छोड़ने का आग्रह भी किया जाएगा. इसके लिए प्राचीन मंदिर मुक्ति कोष की स्थापना पर भी सहमति के प्रयास किए जाएंगे.
निरीक्षण के लिए भेजे जाएंगे प्रतिनिधि मंडल
काशी विद्वत परिषद काशी की गलियों में मिलने वाले मंदिरों के स्थलीय निरीक्षण के लिए भी प्रतिनिधि मंडल भेजने वाला है. ये प्रतिनिधिमंडल काशी खण्डोक्त मंदिरों की जानकारी जुटाएंगे. विद्वत परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री प्रोफेसर राम नारायण द्विवेदी ने कहा कि ऐसे मिलने वाले सभी मंदिरों की मुक्ति के हर संभव प्रयास किए जाएंगे. मंदिरों में पुजारियों की नियुक्ति से लेकर राग भोग की व्यवस्था भी विद्वत परिषद शास्त्र सम्मत तरीके से करेगा. मिलने वाले मंदिरों के जीर्णोद्धार और आवश्यकता पड़ने पर प्रतिमाओं और शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा भी श्री काशी विद्वत परिषद ही कराएगा.
सभी आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर होंगे शामिल
17 जनवरी को महाकुंभ में होने वाली बैठक में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष समेत सभी आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर शामिल होंगे. इस दौरान शैव एवं वैष्णव दोनों ही मत के सभी सम्प्रदायों के प्रमुख भी इस बैठक में मौजूद रहेंगे. प्रयागराज में अगले साल 13 जनवरी से महाकुंभ मेला शुरू होगा और 26 फरवरी तक चलेगा.