आज का इंसान हवस में इतना अंधा हो चुका है कि उसे ये समझ में नहीं आता कि वह जिसके साथ दुराचार कर रहा है उसकी उम्र क्या है या फिर वह रिश्ते में उसकी क्या लगेगी. ऐसा ही एक मामला यूपी के गाजीपुर से आया है, जहां दो महीने पहले एक अंधेड ने ढाई साल की मासूम के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म किया था. कोर्ट ने इस मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए, ₹40000 का अर्थदंड भी लगाया है
जानकारी के मुताबिक करंडा थाना क्षेत्र का बदमाश अशोक सिंह बिल्ला शुरू से ही अपराधी प्रकृति का रहा है. अशोक के कामों की वजह से उसका परिवार भी उससे नफरत करता है. ऐसे में जब ढाई साल की मासूम के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म करने के मामले में अशोक सिंह बिल्ला जेल गया तो उसके परिवार के लोगों ने उसकी जमानत भी नहीं कराई और ना ही मिलने उसे जेल गए.
दो महीने पहले किया था अप्राकृतिक दुष्कर्म
अशोक सिंह उर्फ बिल्ला गोसंदेपुर गांव का रहने वाला है. गांव वालों के मुताबिक बिल्ला दो महीने पहले ढाई साल की मासूम को बहला फुसला कर अपने साथ पास के बगीचे में ले गया और उसके साथ दुराचार किया. घटना के बाद परिजनों के तहरीर के आधार पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पास्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था. साथ ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया और चार्जसीट भी न्यायालय में प्रस्तुत की गई.
सुनाई आजीवन कारावास की सजा
मामले में विचारण के दौरान अभियुक्त के विरुद्ध आरोप तय किए गए शासकीय अधिवक्ता रविकांत पांडे ने अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाह पेश किए. वहीं पीड़ित की मां ने बयान दिया की घटना के समय बच्ची उसके दादा के पास खेल रही थी और आरोपी उसे लेकर बगीचे में चला गया और दुराचार किया. इसके बाद कोर्ट ने बचाव और अभियोजन पक्ष के दलीलों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश ने आरोपी को इस मामले में दोषी ठहराया और सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
रहा है क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर
अधिवक्ता की बात माने तो आरोपी पर 1 अक्टूबर को आरोप तय हो गया था. वहीं एक दिन पहले इसकी डीएनए रिपोर्ट भी आ गई थी. पीड़िता के परिवार के लोगों की मांग थी कि आरोपी को कम से कम फांसी हो लेकिन कोर्ट के इस फैसले पर उन्होंने अपनी राहत जताई है. आरोपी अशोक सिंह बिल्ला तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर है और उसके दो पुत्र भी हैं पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक करंडा थाना क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर रहा है और इस पर कुछ 23 मुकदमे है जिसमें से दुष्कर्म, हत्या, गैंगस्टर, आर्म्स एक्ट जैसे गंभीर अपराध में यह शामिल रहा है.