नहीं चला निकिता सिंघानिया का पैंतरा, यहां हो गई फेल… बहू को बेल न मिलने पर अतुल सुभाष के पापा का बड़ा बयान
बेंगलुरु की सिविल कोर्ट में इंजीनियर अतुल सुभाष सुसाइड केस में सोमवार को सुनवाई हुई. निकिता सिंघानिया समेत तीनों आरोपियों ने कोर्ट में बेल की अर्जी डाली थी, जिसे अदालत ने टाल दिया है. इस पर अब पांच दिन बाद यानि 4 जनवरी को सुनवाई होगी. यानि निकिता समेत तीनों आरोपी तब तक पुलिस हिरासत में ही रहेंगे. इस बीच अतुल के पिता पवन मोदी का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा- वो लोग चाहे कुछ भी कर लें. हमारी कोशिश रहेगी कि तीनों आरोपियों को बेल न मिले. हम आगे के लिए सबूतों के साथ पूरी तरह तैयार हैं.
30 दिसंबर को दोपहर बाद बेंगलुरु की सिविल कोर्ट में अतुल सुभाष केस में सुनवाई हुई थी. अतुल के पिता ने बताया- हमारी तरफ से तीन वकील आए थे. दो वकील अकाश जिंदल और विजय सिंह लोकल ही हैं. जबकि, एक वकील चंदन कुमार बिहार से आए थे. चंदन सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं. हम लोगों की पहले से ही कोशिश थी कि तीनों आरोपियों को किसी भी कीमत पर बेल न मिले.
पवन मोदी ने कहा- कोर्ट ने उनकी (निकिता, निशा और अनुराग) बेल को टाल दिया है, इसके लिए हम काफी खुश हैं. लेकिन उन तीनों ने इस दौरान बहुत कोशिश की कि उन्हें कोर्ट बेल दे दे. सुनवाई के दौरान अतुल की माता और भाई विकास भी इस दौरान कोर्ट में मौजूद रहे. आरोपी, निकिता सिंघानिया, निशा और अनुराग को कटघरे में लाया गया. निकिता के वकील ने बेल के लिए दलील देते हुए कहा- अतुल के बेटे की देखभाल के लिए निकिता को बेल मिलनी चाहिए. क्योंकि बच्चा अभी छोटा है.
इस पर अतुल सुभाष के परिवार के वकील आकाश ने कहा- जैसा कि हमें डर था वैसा ही हुआ. निकिता बच्चे को फिर से औजार बनाकर इस्तेमाल कर रही है. अतुल ने भी सुसाइड से पहले यही बात कही थी कि निकिता बेटे व्योम को औजार बनाकर उसका इस्तेमाल अपने लिए करती है. ठीक वैसा ही वो दोबारा कर रही है. निकिता और उसके परिवार को बेल नहीं मिलनी चाहिए. बच्चे की कस्टडी अतुल के माता-पिता को मिलनी चाहिए.
वकीलों ने रखा अपना-अपना पक्ष
कोर्ट के जज ने दोनों पक्षों की बात को सुनते हुए बेल की सुनवाई 4 जनवरी को रख दी है. अब 4 जनवरी को दोबारा पेशी होगी. फिर बेल पर विचार किया जाएगा. सुनवाई के बाद अतुल के परिवार के जज आकाश ने कहा- आज कोर्ट में निकिता और उसके परिवार की तरफ से बेल की एप्लीकेशन दिखाई गई. निकिता के वकील ने कहा कि बच्चे की देखभाल के लिए निकिता और उसके परिवार को बेल मिलनी चाहिए. लेकिन हम जानते हैं कि बेल मिलते ही निकिता फिर से गायब हो जाएगी. हमने भी अपना पक्ष रखा. अब इस पर 4 जनवरी को सुनवाई होनी है.
7 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
बच्चे की कस्टडी के लिए अतुल की मां ने पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली है. कोर्ट ने तीन राज्यों की पुलिस (कर्नाटक, यूपी और बिहार) को मामले में जांच के आदेश दिए हैं. उस पर 7 जनवरी को सुनवाई होनी है.