उत्तर प्रदेश में कासगंज कांड के सभी आरोपियों को लखनऊ की एनआईए कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस वारदात में आरोपियों ने तिरंगा यात्रा निकाल रहे लोगों पर पथराव और फायरिंग की थी. इस दौरान गोली लगने से चंदन गुप्ता नामक युवक की मौत हो गई थी. पुलिस ने इस मामले में 30 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. हालांकि इनमें से दो आरोपी सबूतों के अभाव में बरी हो गए थे. जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है.
एनआईए कोर्ट में पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के मुताबिक कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई पूरी हो गई थी. इसके बाद कोर्ट ने सभी 28 आरोपियों को दोषी करार दिया था. वहीं आज शुक्रवार को कोर्ट ने सभी आरोपियों को उनके जुर्म के मुताबिक सजा सुनाई है. उन्होंने बताया कि सभी आरोपियों को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा मुकर्रर की है. इनमें लखनऊ की जेल में बंद 26 दोषी शामिल है.
इनको हुई उम्रकैद की सजा
उन्होंने बताया कि दोषियों में वसीम जावेद उर्फ वसीम, नसीम जावेद, मोहम्मद जाहिद कुरैशी उर्फ जाहिद उर्फ जग्गा, आसिफ कुरैशी उर्फ हिटलर, असलम कुरैशी, अकरम, तौफीक, खिल्लन, शवाब अली खान, राहत, सलमान, मोहसिन, आसिफ जिमवाला, साकिब, बबलू, निशु उर्फ जीशान, वासिफ, इमरान, शमशाद, जफर, साकिर, खालिद परवेज, फैजान, इमरान, साकिर, मोहम्मद आमिर रफी शामिल हैं.
वीडियो कांफ्रेंसिंग से जुड़े दो दोषी
इनके अलावा कासगंज जेल में बंद मुनाजिर और कोर्ट में सरेंडर हुए सलीम को भी उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई है. पब्लिक प्रॉसिक्यूटर के मुताबिक कासगंज की जेल में बंद यह दोनों दोषी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में हाजिर हुए थे. बता दें कि 26 जनवरी 2018 की सुबह गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में देश भर में तिरंगा यात्रा निकाली जा रही थी. इसी क्रम में कासगंज में हिन्दुत्ववादी संगठनों ने तिरंगा यात्रा का आयोजन किया था.
तिरंगा यात्रा पर हुई थी फायरिंग
इसमें 100 से अधिक बाइक सवार हाथों में तिरंगा और केसरिया झंडा लेकर नगर भ्रमण पर निकले थे. इनमें एक बाइक पर चंदन गुप्ता भी शामिल था. जैसे ही यह यात्रा कासगंज के बड्डूनगर पहुंची, कुछ मुस्लिम युवकों ने ना केवल अवरोध पैदा किया, बल्कि पथराव भी शुरू कर दिया.यहां तक कि तिरंगा यात्रा में शामिल युवाओं की टोली पर फायरिंग भी की. इस घटना में चंदन गुप्ता को गोली लगी थी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी.
एक सप्ताह तक जलता रहा था कासगंज
इस घटना के बाद कासगंज में दंगे भड़क गए थे. हालात इतने खराब हो गए कि आईजी और मंडलायुक्त को कासगंज में कैंप करना पड़ा था. जिले भर में इंटरनेट बंद कर दिया गया. बावजूद इसके करीब एक हफ्ते तक कासगंज दंगों की आग में झुलसता रहा था. इस मामले में चंदन गुप्ता के पिता ने अपने बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए कासगंज की जिला अदालत से इलाहाबाद हाईकोर्ट तक लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी. आखिरकार शुक्रवार को कोर्ट ने सभी 28 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है.