महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े के संतों के साथ दिखीं वायरल साध्वी हर्षा रिछारिया चर्चा में हैं. यही नहीं,एप्पल के फाउंडर दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स सनातन धर्म स्वीकार करते हुए इस समय महाकुंभ में कल्पवास कर रही हैं. वह अपने गुरू और निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी जी महाराज के कैंप में ठहरी हैं. उनके कल्पवास की वजह से इस समय देश और दुनिया में निरंजनी अखाड़े की खूब चर्चा हो रही है.
केवल लॉरेन पॉवेल जॉब्स ही नहीं, देश और दुनिया के और भी कई बड़ी हस्तियां इस अखाड़े से जुड़ी हैं और इस अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर का आर्शीवाद प्राप्त करने के लिए हाजिरी लगाती हैं. इन हस्तियों में देश के मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी, क्रिकेटर सुरेश रैना, प्रवीण यादव, ऋषभ पंत, सिंगर हनी सिंह और बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत आदि शामिल हैं.
मुलायम सिंह यादव भी लगाते थे हाजिरी
इनके अलावा केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी निरंजनी अखाड़े में हाजिरी लगाते हैं. अखिलेश यादव के पिता और दिवंगत राजनेता मुलायम सिंह यादव और सपा नेता अमर सिंह का भी इस अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी से खासा लगाव था. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार इस अखाड़े में हाजिरी लगा चुके हैं.
अमेरिकी सेना डिप्टी डॉयरेक्टर के बेटे हैं महामंडलेश्वर व्यासानंद
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति भी इसी अखाड़े की साधु हैं. वहीं अमेरिकी एयरफोर्स में डिप्टी डायरेक्टर ऑपरेशंस रहे थामस मैरिट नाल्स के बेटे व्यासानंद गिरी भी इसी अखाड़े के संत हैं और महाकुंभ के दौरान रविवार को ही उन्हें महामंडलेश्वर की उपाधि दी गई है. उन्होंने अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी से 12 साल पहले कुंभ में ही दीक्षा ली थी और उसी समय अपना घर त्याग कर सनातन के प्रचार में जुट गए थे. वैसे तो सनातन परंपरा में कुल 13 अखाड़े हैं और इन अखाड़ों में विलक्षण प्रतिभा वाले साधु-संत हैं. हालांकि इनमें निरंजनी अखाड़े की गिनती कई मामलों में थोड़ी अलग होती है.
हाइली एजुकेटेड हैं अखाड़े के साधु संत
इसका सबसे बड़ा कारण तो यही है कि इस अखाड़े में करीब 80 फीसदी साधु संत हाइली एजुकेटेड और वेद पुराण में निपुण होते हैं. इस अखाड़े में बड़ी संख्या में साधु प्रोफेसर, डॉक्टर, इंजीनियर, आईएएस और आईपीएस रहे हैं. खुद आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी से ही एक बार मिलने के बाद लोग उनके मुरीद हो जाते हैं. निरंजनी अखाड़े के साधु संत भगवान शिव के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय को अपना आराध्य मानते हैं.