उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के एक मंदिर से मूर्तियां चोरी होने की खबरें सामने आईं, जिसके बाद पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की. मंदिर से मूर्तियां चोरी होने के मामले में एक शख्स पुलिस में केस दर्ज करा रहा था. अब पुलिस ने खुलासा किया कि जो शख्स चोरी की शिकायत दर्ज करा था. वह खुद ही चोर है यानी मंदिर में चोरी शिकायत करने वाला शख्स ही कर रहा था.
ये मामला मिर्जापुर के पड़री थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहां मौजूद राम-जानकी मंदिर से भगवान राम, लक्ष्मण और जानकी की प्राचीन मूर्तियां चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई गई थी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एक बोलेरो कार से मूर्तियां बरामद की गईं और चार लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें से एक वही शख्स है, जिसने मूर्तियां चोरी होने की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी.
चार लोगों को किया गिरफ्तार
शिकायत करने वाले चोर वंशीदास ने 14 जनवरी को मंदिर से कीमती मूर्तियों के चोरी होने की FIR दर्ज कराई थी. पुलिस ने मामले में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था और मामले की जांच शुरू कर दी थी. पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार लोगों की पहचान शिकायत करने वाले वंशीदास, लवकुश पाल, कुमार सोनी और राम बहादुर पाल के रूप में हुई है.
तीन साल से कर रहा था देखरेख
इसके साथ ही पुलिस ने ये भी बताया कि वंशीदास से पूछताछ में पता चला कि वह पिछले तीन साल से राम-जानकी मंदिर की देखभाल कर रहा था. वह अपने गुरु महाराज जयराम दास और सतुआ बाबा के बीच मंदिर के स्वामित्व को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद में उलझा हुआ था. जब उसे पता चला कि जयराम दास मंदिर की संपत्ति अपने भतीजे को ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो उसने मूर्तियों को ही चुराकर बेचने का प्लान बना लिया. इसके बाद उसने अपने साथियों को बुलाकर मूर्तियां चुराईं और हाईमाई पहाड़ी मंदिर के पीछे छिपा दी.