पिछले कुछ महीनों में अपने प्राइसिंग को लेकर उबर और ओला लगातार सवालों के घेरे में है. इसे लेकर कंपनियों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहा है. लोग इसे लेकर लगातार सवाल उठा रहे है. कई इंफ्यूलेंसर ने तो इसके लाइव प्रूफ भी अपने सोशल मीडिया पर अपलोड किए है. ऐसे में भारत सरकार ने इस मामले को देखते हुए कंज्यूमर मामलों के विभाग ने इन कंपनियों को नोटिस भेजा है.
सरकार ने भेजा नोटिस
इस बात की जानकारी भारत के कंज्यूमर, फूड एंड पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपने सोशल मीडिया साइट एक्स पर दी है. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि “इस्तेमाल किए जा रहे मोबाइलों (आईफोन/एंड्रॉयड) के अलग-अलग मॉडलों के आधार पर यह साफ देखा जा सकते है कि डिफरेंट प्राइस सेटअप के चलते उपभोक्ता मामले विभाग ने सीसीपीए के माध्यम से प्रमुख कैब एग्रीगेटर ओला और उबर को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है.”
क्या है पूरा मामला
देश के भीतर लगातार प्राइसिंगको लेकर उबर और ओला सवाल उठ रहे थे. इसी कड़ी में दिल्ली के एक बिजनेसमैन ने ओला और उबर जैसी राइड-हेलिंग ऐप पर डिफरेंट प्राईसिंग को लेकर एक पोस्ट साझा किए. उन्होंने अलग अलग डिवाइस और बैटरी लेवल पर किराए की तुलना की. इसके बाद, उबर ने आरोपों से इनकार किया.
उबर ने किया था इंकार
उबर ने कहा कि किराया में कोई अंतर फोन के प्रकार पर आधारित नहीं है. ऐसे में अब सरकार ने खुद हस्तक्षेप किया और उपभोक्ता मामलों के केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ओला, उबर और रैपिडो जैसे प्लेटफॉर्म की जांच का आदेश दिया. यह गंभीर आरोप इन कंपनियों पर कई सवाल उठाते है. अब देखना यह है कि इस बात में कितनी सच्चाई है.