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गणतंत्र दिवस की परेड में मध्य प्रदेश की झांकी में दिखेगी ‘प्रोजेक्ट चीता’ की झलक

भोपाल : इस साल नयी दिल्ली में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मध्य प्रदेश की झांकी ‘चीता पुनर्वास परियोजना’ पर आधारित होगी। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। गौरतलब है कि देश में सात दशक पहले चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था। उनकी आबादी को फिर से बढ़ाने के लिए सितंबर 2022 और फरवरी 2023 में नामीबिया से 8 और दक्षिण अफ्रीका से 12 चीते मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में लाए गए थे। मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक संजय सक्सेना ने बताया कि झांकी का विषय ‘चीता – भारत का गौरव’ रखा गया है। इसमें 10 से अधिक फुर्तीले जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में प्रदर्शित किया जाएगा।” उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश चीता पुनर्वास परियोजना की ऐतिहासिक उपलब्धि को प्रदर्शित कर रहा है। कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की संख्या अब 24 हो गई है।” सक्सेना के बताया कि इस साल 15 राज्यों की झांकियां गणतंत्र दिवस परेड के लिए चयनित हुई हैं, जिसमें मध्य प्रदेश की झांकी भी शामिल है।

नयी दिल्ली से एक अधिकारी ने बताया कि पिछले साल मध्य प्रदेश की झांकी का विषय ‘महिला सशक्तीकरण’ था। उन्होंने बताया कि लगातार दूसरे साल राज्य की झांकी का चयन इस भव्य समारोह के लिए किया गया है। दुनिया के सबसे तेज़ दौड़ने वाले जानवर चीता को साल 1952 में भारत में विलुप्त घोषित कर दिया गया था। साल 1947 में वर्तमान छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले (तब मध्य प्रदेश का हिस्सा) में आखरी चीते की मौत हो गयी थी। अधिकारियों के अनुसार, कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अभी 24 चीते हैं, जिनमें 12 शावक शामिल हैं।

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