‘पुलिस दिलाए मुझे नौकरी’, सैफ केस में ‘शरीफुल’ समझ आकाश को उठाया था, अब युवक का छलका दर्द, कर दी बड़ी मांग
सैफ अली खान पर हमले के शक में जिस युवक को छत्तीसगढ़ पुलिस ने दुर्ग रेलवे स्टेशन पर पकड़ा था, वह निर्दोष निकला है. पुलिस ने भी जांच पड़ताल के बाद उसे छोड़ दिया, लेकिन उसे एक बार हवालात में जाने की बड़ी कीमत अदा करनी पड़ी है. इस घटना के बाद इस युवक की बदनामी इस कदर हुई कि एक तरफ जहां उसकी नौकरी छूट गई, वहीं उसकी शादी भी टूट गई है. खुद उसकी मंगेतर ने ही उसके साथ शादी से इनकार कर दिया है. इसकी वजह से युवक के जीवन में तूफान आ गया है.
जानकारी के मुताबिक मुंबई की जुहू पुलिस के इनपुट पर छत्तीसगढ़ पुलिस ने दुर्ग रेलवे स्टेशन से एक युवक आकाश कनौजिया को हिरासत में लिया था. घटना के वक्त आकाश ट्रेन में सफर कर रहा था और अपनी मंगेतर से मिलने के लिए जा रहा था. उसे हिरासत में लेने के बाद पुलिस ने पूछताछ की और पता चला कि उसकी शक्ल सैफ अली खान पर हमले के आरोपी मोहम्मद शरीफुल से मिलती जुलती है. इसके बाद दुर्ग पुलिस ने युवक को रिहा कर दिया.
जीवन में शुरू गया उथल-पुथल
पुलिस के चंगुल से छूट कर युवक अपने घर पहुंचा. इसके बाद उसके जीवन में उथल पुथल शुरू हो गया. दरअसल उसकी गिरफ्तारी की खबर पर छत्तीसगढ़ के सीएम सहित पुलिस अधिकारियों ने खूब बयान दिए. विभिन्न मीडिया एजेंसियों ने भी उसे सैफ अली खान के हमलावर के रूप में प्रचारित किया. यह खबर देखने के बाद आकाश की कंपनी ने उसे टर्मिनेट कर दिया. वहीं उसकी मंगेतर ने भी उसके साथ शादी से इनकार कर दिया है. इससे आकाश अवसाद की स्थिति में चला गया. हालांकि छत्तीसगढ़ पुलिस ने बाद में सफाई तो दी, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी.
दूसरी नौकरी की तलाश में जुटे आकाश
आकाश कन्नौजिया का कहना है कि नौकरी छूटने के बाद उसने कई अन्य कंपनियों में नौकरी के लिए प्रयास किया, लेकिन अब कोई भी कंपनी उसे नौकरी देने को तैयार नहीं है. टीवी 9 से बात करते हुए आकाश ने बताया कि वह इस समय मुंबई में ही हैं और आज ही वह ट्रेन से नागपुर जा रहे हैं. वहां ताज होटल में नौकरी के लिए उनका इंटरव्यू होना है. इस घटना के बाद बेहद निराश आकाश कन्नौजिया ने बताया कि जॉब छूट गई, शादी टूट गई. अब तो लगता है कि कोई उनसे दोस्ती भी नहीं रखना चाहता. जबकि वह सफाई देते देते थक चुके हैं. उन्होंने अब पुलिस से ही आग्रह किया है कि वही उन्हें कहीं जॉब दिलाए, जिससे कि वह अपनी जिंदगी गुजार सकें.