महाकुंभ में मची भगदड़ और इसमें 10 से अधिक लोगों की मौत की खबर ने पूरे देश को झकझोर दिया है. इस हादसे में कई दर्जन लोग घायल भी हुए हैं. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक पीड़ित परिवारों के दुख में शरीक हो रहे हैं. इसी बीच कुंभ नगरी के एसएसपी राजेश द्विवेदी के बयान ने नया बवाल खड़ा कर दिया है. उन्होंने इस घटना को भगदड़ मानने से ही इनकार कर दिया. उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि महाकुंभ में भगदड़ मची ही नहीं.
उन्होंने कहा कि यह घटना भीड़ की वजह से हुई है और इसमें कुछ लोग घायल हुए हैं. एसएसपी राजेश द्विवेदी के इस बयान पर सोशल मीडिया में हंगामा मच गया है. लोग उन्हें खूब ट्रोल कर रहे हैं और कई लोगों ने इस हादसे के लिए उनकी बदइंतजामी को जिम्मेदारी बताया है. चूंकि इस समय एसएसपी राजेश द्विवेदी इस समय सुर्खियों में हैं तो यह सही मौका है कि उनके बारे में भी ठीक से जान लिया जाए.उनके प्रोफाइल में घुसने से पहले जान लेते हैं कि उन्होंने आखिर कहा क्या था, जिसपर बवाल मचा है.
न्यूज एजेंसी को दिया था बयान
दरअसल बुधवार की सुबह न्यूज एजेंसी एएनआई ने महाकुंभ में मची भगदड़ के संबंध में उनकी राय जानने की कोशिश की. न्यूज एजेंसी की ओर से अपने सवाल में भगदड़ के बारे में पूछा गया, लेकिन सवाल खत्म होने से पहले ही आईपीएस राजेश द्विवेदी ने जवाब दे दिया. कहा कि यहां कोई स्टैंपीड (भगदड़) वाली बात ही नहीं थी. थोड़ी भीड़ ज्यादा हो गई थी, इसलिए कुछ श्रद्धालु घायल हो गए. इसी के साथ उन्होंने कहा कि किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें और जो घाट खुले हैं, वहीं पर स्नान करें. मूल रूप से उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर के रहने वाले आईपीएस राजेश द्विवेदी ने ग्रेजुएशन के बाद एमबीए तक की पढ़ाई की है.
2013 में बने थे आईपीएस
पढ़ाई के दौरान ही वह यूपी पीसीएस की परीक्षा में बैठे और 1997 में पीपीएस के लिए चयनित हुए थे. 16 साल की नौकरी के बाद वह साल 2013 में आईपीएस कॉडर में प्रोमोट होकर एसपी बने थे. 30 मई 1969 को पैदा हुए राजेश द्विवेदी की शिक्षा दीक्षा इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से हुई है और करीब 15 साल तक उन्होंने प्रयागराज में गुजारा है. वहीं नौकरी में आने के बाद यूपी एटीएस, यूपी एसटीएफ में सेवा देने के अलावा कई जिलों में डीएसपी, एडिशनल एसपी और जिला पुलिस के कप्तान भी रहे हैं. उससे पहले वह रामपुर के एसपी थे. महाकुंभ के एसएसपी बनने से पहले उनके पास हरदोई जिले की कमान थी.