ब्रेकिंग
छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों को दीपावली गिफ्ट, 17-18 अक्टूबर को वेतन, दैनिक वेतनभोगियों को भी भुगतान जैसलमेर हादसा: 'मानक ताक पर रखकर बनी थी बस', जांच कमेटी ने माना- इमरजेंसी गेट के सामने लगाई गई थी सी... 'कांतारा चैप्टर 1' ने किया गर्दा! 15 दिन में वर्ल्डवाइड ₹679 करोड़ पार, विक्की कौशल की 'छावा' से महज... वेनेजुएला पर ऑपरेशन से तनाव: दक्षिणी कमान के प्रमुख एडमिरल होल्सी ने कार्यकाल से पहले दिया इस्तीफा, ... शेयर बाजार में धन वर्षा! सिर्फ 3 दिनों में निवेशकों की संपत्ति ₹9 लाख करोड़ बढ़ी, सेंसेक्स और निफ्टी... त्योहारी सीजन में सर्वर हुआ क्रैश: IRCTC डाउन होने से टिकट बुकिंग रुकी, यात्री बोले- घर कैसे जाएंगे? UP पुलिस को मिलेगी क्रिकेटरों जैसी फिटनेस! अब जवानों को पास करना होगा यो-यो टेस्ट, जानिए 20 मीटर की ... दिन में सोना अच्छा या बुरा? आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान क्या कहता है, किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए 'द... प्रदूषण का 'खतरा' घर के अंदर भी! बढ़ते AQI से बचने के लिए एक्सपर्ट के 5 आसान उपाय, जानें कैसे रखें ह... शरीयत में बहुविवाह का नियम: क्या एक मुस्लिम पुरुष 4 पत्नियों के होते हुए 5वीं शादी कर सकता है? जानें...
मध्यप्रदेश

मंदसौर गोलीकांड के छह वर्ष पूरे होने पर 6 जून को कांग्रेस करेगी किसान सम्मेलन

भोपाल। 6 जून 2023 को मंदसौर गोलीकांड के छह वर्ष पूरे होने पर प्रदेश कांग्रेस पिपलियामंडी में किसान सम्मेलन करेगी। इसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ सहित पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी हिस्सा लेंगे।

शिवराज सरकार ने इसकी जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश जेके जैन की अध्यक्षता में आयोग गठित किया था। इसने 13 जून 2018 को प्रतिवेदन सरकार को सौंपा था, लेकिन यह विधानसभा में प्रस्तुत नहीं हुआ है। कांग्रेस ने जैन आयोग सहित अन्य जांच आयोगों की रिपोर्ट सरकार बनने पर विधानसभा में प्रस्तुत करने का विषय वचन पत्र में शामिल किया है।

प्रदेश कांग्रेस की आरोप पत्र समिति के उपाध्यक्ष पारस सकलेचा का कहना है कि भाजपा सरकार किसान हितैषी होने का दावा करती है लेकिन गोलियां भी इसी शासनकाल में चली। आज तक जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया। दोषी अधिकारियों को बचाने के लिए लगातार प्रयास किए गए। किसानों को परेशान करने के लिए झूठे प्रकरण बनाए।

वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता यशपाल सिंह सिसौदिया ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी, तब सुध नहीं ली और अब जब चुनाव का समय पास आ गया है तो दिवंगत किसान याद आ रहे हैं। 2017 में मंदसौर जिले के पिपलिया मंडी में कांग्रेस के नेताओं ने किसानों को भड़काया था, जिसके कारण यह स्थिति बनी कि आत्मरक्षा के लिए पुलिस को हिंसक भीड़ पर गोलियां चलानी पड़ी थीं, जिसमें पांच आंदोलनकारियों की मृत्यु हो गई थी।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस मुद्दे को भुनाया। जब सरकार बनी तो पीड़ित परिवारों की कोई सुध ली और न ही दिवंगत किसानों का स्मारक बनवाए। अब फिर से विधानसभा चुनाव पास हैं, तो कांग्रेस को किसानों की याद आने लगी है।

Related Articles

Back to top button