राज ठाकरे ने मुंबई के वर्ली में पार्टी के राज्यस्तरीय सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम आने के बाद राज्य में सन्नाटा पसरा हुआ है. राजू पाटिल के गांव में उन्हें खुद को एक वोट नहीं मिला. चुनाव परिणाम के बाद कुछ चीजों पर विश्वास नहीं बैठ रहा था. इतना सन्नाट मैंने कभी नहीं देखा. चुनाव के परिणाम के बाद लोगों को ऐसा रिजल्ट आने की उम्मीद नहीं थी.
उन्होंने कहा कि लग रहा था अजित पवार को 4 से 5 सीटें मिलेंगी, लेकिन उन्हें 42 सीटें मिली. 7 बार जीतकर आए बालासाहेब थोरात चुनाव हार गए. जो चुनाव जीतकर आये उन्हें भी खुद पर भरोसा नहीं हो रहा है, चुनाव जीतकर आये कई लोगों ने मुझे फ़ोन किया, उन्हें अपनी जीत पर भरोसा नहीं हो रहा था. लोकसभा चुनाव 13 सांसद चुन कर लाई कांग्रेस को विधानसभा में सिर्फ 15 सीट मिली थी.
शरद पवार के पास 8 सांसद लेकिन, उनके विधायक सिर्फ 10 थे. महज 4 महीने के अंदर लोगों के मन इतना फर्क कैसे पड़ा ? लोगों ने हमे वोट दिया, लेकिन वो हमारे तक पहुंचा नहीं. अगर ऐसा होता होगा तो चुनाव ना लड़ना ही ठीक है.
नेताओं ने अपने स्वार्थ के लिए भूमिका बदल दी
उन्होंने कहा कि मनसे जो काम किया है, आंदोलन किया है उसे लोगों के सामने रखते रहिए. अपने अपने स्वार्थ के लिए नेताओं ने अपनी भूमिका बदली है, मैंने कभी अपने स्वार्थ ने लिए भूमिका नहीं बदली है. भाजपा ने भी अपनी भूमिका बदली, जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ़्ती को समर्थन देकर सरकार बनाई. मेरे पर आरोप लगाया था कि ED पीछे लगी इसके लिए समर्थन दिया.
मैं छत्रपति शिवाजी महाराज की शपथ लेकर सत्य स्तिथि कहता हूं. हम 2008 में कोहिनूर डील से बाहर निकले थे. तब के हमारे एक तत्कालीन पार्टनर ने टैक्स नहीं भरा. भाजपा ने जिनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया उन्हें ही साथ लेकर मंत्री पद दिया. अजित पवार, अशोक चव्हाण पर भ्रष्टाचार का आरोप फिर उन्हें साथ लिया. हिमंत बिस्वा शर्मा पर आरोप लगाया लेकिन उन्हें पार्टी में लेकर सीएम बनाया. कुंभ मेले में भगदड़ मची है, कितने मरे अभी तक सही आंकड़ा सामने नहीं आया है.