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‘पिता के शव के 2 टुकड़े करो, एक तुम जलाओ और एक मैं’… अंतिम संस्कार के लिए 2 बेटों में लड़ाई

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के जतारा थाना के लिधौरा ताल गांव से आज एक अजीबो गरीब मामला सामने आया. पिता की मृत्यु के बाद दो सगे भाइयों में पिता के अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हो गया. दोनों भाइयों में विवाद इतना बढ़ गया की एक भाई इस बात पर अड़ गया कि पिता के शव के दो टुकड़े कर दिए जाएं, ताकि एक हिस्से का अंतिम संस्कार वह कर सके और दूसरे हिस्से का अंतिम संस्कार उसका भाई सके.

दरअसल, यह पूरा मामला लिधौरा ताल गांव का है, जहां पिता की मृत्यु के बाद उनके अंतिम संस्कार के लेकर दो सगे भाइयों के बीच विवाद हो गया. दोनों भाइयों में विवाद इतना बढ़ा कि बड़ा बेटा पिता को काट कर जलाने की जिद करने लगा. अंतिम संस्कार में एकत्रित परिजनों एवं रिश्तेदारों के मनाने पर भी जब बात नहीं बनी तो पुलिस को सूचना दी गई. इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अंतिम संस्कार के लिए दोनों भाइयों को राजी किया, तब जाकर पिता का अंतिम संस्कार हो सका.

बड़े बेटे ने रुकवाया अंतिम संस्कार

लिधौरा ताल निवासी 85 वर्षीय ध्यानी सिंह घोष की सोमवार सुबह मृत्यु हो गई. मृत्यु के बाद उनके बेटे दामोदर ने उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां पूर्ण कर लीं. वहीं सूचना पर ग्रामीणों के साथ ही रिश्तेदार भी उनके घर पहुंच गए और अंतिम संस्कार की तैयारियों में जुट गए, तभी दामोदर का बड़ा भाई किशन सिंह घोष अपने बेटे एवं कुछ अन्य लोगों के साथ दामोदर के घर पहुंच गया और पिता का अंतिम संस्कार करने की जिद करने लगा

जिद पर अड़ गया था मृतक का बड़ा बेटा

इस पर दामोदर ने उसे अंतिम संस्कार करने देने से मना कर दिया. उसका कहना था कि पिता उसके साथ रहते थे और उसने उनकी सेवा की है. लिहाजा वही पिता का अंतिम संस्कार करेगा. इसी बात को लेकर दोनों बेटों के बीच विवाद होता रहा और पिता के शव को भी घर के बाहर रख दिया गया. गांव के लोगों और रिश्तेदारों ने दोनों भाइयों को लाख समझाया की दोनों भाई मिलकर पिता का अन्तिम संस्कार कर लें, लेकिन बड़ा भाई किशन इस बात को बिल्कुल राजी नहीं था.

उसका कहना था कि पिता के शरीर के दो टुकड़े कर दिए जाएं, जिससे दोनों भाई पिता का अलग-अलग संस्कार कर सकें. आखिर जब बात नहीं बनी तो फिर पुलिस को इस बात की सूचना दी गई और पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मृतक का अंतिम संस्कार हो सका.

पिकनिक मनाने गई छात्रा 500 फीट गहरी खाई में गिरी, हुई मौत     |     उमरिया में दर्दनाक हादसा, अनियंत्रित बाइक हैंडपंप से टकराई,युवक की मौत     |     ग्वालियर में गोली मारकर एक युवक की हत्या, फैली सनसनी     |     शहडोल से निवास जा रही बिना नंबर की पिकअप पलटी, एक की मौत     |     दिल्ली – मुंबई एक्सप्रेस – वे के मानपुरा पर हादसा, महाकुंभ से लौटते समय इनोवा पलटी, मासूम की मौत     |     खंडवा के खेड़ी गांव में फूटी नर्मदा पाइपलाइन, दो दिन के लिए पेयजल सप्लाई प्रभावित     |     सुल्तानपुर के बेखौफ कॉलोनाइजर: कॉलोनी काटने नियम, कानूनों को रखा ताक पर,धड़ल्ले से काट रहे अवैध कॉलोनी     |     भोपाल। प्रारंभिक शिक्षा नई शिक्षा नीति में महत्वपूर्ण स्तंभ है, इसे देखते हुए शाजापुर कलेक्टर ऋजु बाफना द्वारा नवाचार कर शाला पूर्व शिक्षा के लिए जिले की 200 आंगनवाड़ी केन्द्रो में 6 जनवरी 2025 से पायलेट प्रोजेक्ट शुरू कराया गया है। नवाचार का उद्देश्य बच्चों के मस्तिष्क में प्रारंभिक विकास को गति देना है, जिससे वे स्कूल में प्रवेश से पहले ही एक ठोस शैक्षणिक आधार प्राप्त कर सके। नवाचार की सफलता पर कलेक्टर बाफना ने 1 अप्रैल 2025 से जिले की सभी 1054 आंगनवाड़ी केन्द्रो में शाला पूर्व शिक्षा देने के लिए अगला कदम उठाया है। थीम आधारित शिक्षा शाला पूर्व शिक्षा के लिए आंगनवाड़ी केन्द्रो की कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं तथा क्षेत्रीय पर्यवेक्षको को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें राज्य शिक्षा केन्द्र से प्राप्त हुई शाला पूर्व शिक्षा मार्गदर्शिका के आधार पर बच्चों को शिक्षा की ओर ले जाने के लिए प्रशि‍क्षित किया गया। प्रशिक्षण में अलग-अलग थीम पर 30 दिवस की कार्ययोजना दी गई, जिमसें बच्चों को मेरा परिवार, सब्जियां, फल, पेड़ पौधे और फूल, हवा, पानी, जानवर, समुदाय और कामगार, वाहन, मौसम और समय पर आधारित शिक्षा प्रदान की जा रही है। शाला पूर्व शिक्षा से बच्चे शैक्षणिक क्षमता लेकर विद्यालयों में प्रवेश लेंगे इससे उन्हें शिक्षा ग्रहण करने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पडे़गा। थीम आधारित शिक्षा का उददेश्य बच्चों को समझने व सोंचने की क्षमता को विकसित करना है, जिससे वे विद्यालय में आसानी से शिक्षा ग्रहण कर सके। इसके लिए बच्चों को थीम डोमेन आधारित पाठ्यक्रम, वर्कबुक, प्री-स्कूल किट आदि भी दी गई है। नवाचार के क्रियान्वयन में जनभागीदारी जिले की 200 आंगनवाड़ी केन्द्रो में प्रारंभ की गई शाला पूर्व शिक्षा के क्रियान्वयन में स्थानीय जन सहयोग से खेल सामग्री एवं स्थानीय उपलब्ध संसाधनों जैसे कि सब्जियां, फल, मिट्टी के खिलौने आदि सामग्रियां भी प्राप्त हो रही है। मॉनिटरिंग एवं प्रभावी क्रियान्वयवन नवाचार के प्रभावी क्रियान्वयन एवं निगरानी के लिए वाट्सएप्प पर ग्रुप बनाया गया है, जिसपर प्रतिदिन की गतिविधियां आंगनवाड़ी केन्द्रो द्वारा साझा की जाती है। किसी भी तरह की कमी पाए जाने पर तुरंत सुधार के निर्देश दिए जाते है। इसका अवलोकन स्वयं कलेक्टर एवं नोडल अधिकारी द्वारा की जाती है। आंगनवाड़ी केन्द्रो के पर्यवेक्षण के लिए सीडीपीओ एवं पर्यवेक्षको को सप्ताह में तीन दिन मंगलवार, गुरूवार एवं शुक्रवार को दो-दो आंगनवाड़ी केन्द्रो का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए है। मॉनिटरिंग के लिए गूगल फार्म भी तैयार किया गया है, जिसमें विस्तृत प्रश्नों के जवाब देना होता है। साथ ही एक घण्टे के अंतराल से जीपीएस कैमरे से खींची गई दो फोटो भी संलग्न करना होती है। बच्चों की प्रोगेस से संबंधित प्रविष्ठियां दर्ज करने के निर्देश दिये गये है। इस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन से आंगनवाड़ी केन्द्र समय पर खुल रहे हैं। बच्चों की उपस्थिति बढ़ रही है। अभिभावक अपने बच्चों को समय पर आंगनवाड़ी केन्द्रों में भेज रहे है। आंनगवाड़ी केन्द्रो में बच्चों को समय पर नाश्ता, भोजन आदि भी प्रदान किया जा रहा है। कलेक्टर  की इस अभिनव पहल से जिले के बच्चों के शैक्षणिक विकास में गुणवत्तापूर्ण सुधार देखने को मिल रहा है, जिससे बच्चों के भविष्य की शिक्षा की नीव मजबूत होगी। पायलेट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन के उपरांत यह पूरे जिले की 1054 आंगनवाड़ी केन्द्रों में 01 अप्रैल 2025 से लागू किया जाएगा, जिससे बच्चों के संपूर्ण शैक्षिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।     |     शाजापुर में नवाचार से बच्चों के शैक्षिक विकास में हो रही है वृद्धि     |     टमाटर के दाम गिरने से खंडवा में दुखी किसान खेतों से फसल उखाड़कर फेंकने को मजबूर     |