मध्य प्रदेश में शरीर या शरीर के अंगों दान करने वालों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. वहीं अंगदान की पूर्व सूचना देने वाले व्यक्तियों को राष्ट्रीय पर्वों पर सम्मानित भी किया जाएगा. यह घोषणा खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने की है. सोमवार को डॉ. मोहन यादव ने भोपाल एम्स पहुंचकर मध्य भारत के पहले हृदय प्रत्यारोपण वाले मरीज दिनेश मालवीय से मुलाकात की थी. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अंगदान जीवन देने का माध्यम बनता है.
एम्स भोपाल में एमपी का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट सफल रहा है. नर्मदापुरम निवासी दिनेश मालवीय हृदय रोग से पीड़ित थे. उनका हार्ड सिर्फ 20% ही काम कर रहा था. 22 जनवरी को भोपाल एम्स में भर्ती हुए और 23 जनवरी को उनका हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया. अब वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं. उन्हें आईसीयू वार्ड में शिफ्ट किया गया है. एक-दो दिन में उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाएगा.
सीएम ने की कई घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने अंगदान और देहदान को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजो में ट्रांसप्लांट की सुविधाएं बढ़ाई जाएगी. सीएम मोहन यादव ने कहा सरकार शुरू से ही मेडिकल की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए ध्यान दे रही है.
डॉक्टर सीखेंगे बारीकियां
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि अंग प्रत्यारोपण, अंगदान, देहदान जैसी गतिविधियों को प्रोत्साहित करना जरूरी है. एक देहदान से लगभग नौ डॉक्टर को चिकित्सा संबंधित कई बारीकियां को सीखने में मदद मिलती है. चिकित्सा शिक्षा के उद्देश्य से मेडिकल कॉलेज के साथ आयुर्वेदिक महाविद्यालय में भी देह की आवश्यकता होती है. राज्य सरकार द्वारा देहदान के लिए परिवारों में जागरूकता लाने और उन्हें इस महादान कार्य के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा रहे हैं.
सीएम मोहन यादव ने कहा कि भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में ऑर्गन ट्रांसप्लांट यूनिट भी बनाया जाएगा. यहां रिसर्च और डाटा कलेक्शन होगा. मेडिकल कॉलेज के छात्रों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट की ट्रेनिंग भी दी जाएगी.