देश की राजधानी दिल्ली में 27 साल बाद बीजेपी ने सत्ता में वापसी की है. बीजेपी की जीत से ज्यादा देश भर में दिल्ली के पूर्व सीएम और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की हार के चर्चे हैं. केजरीवाल को हराने वाले बीजेपी के प्रवेश वर्मा का मध्य प्रदेश से गहरा नाता है. वे मध्य प्रदेश के दामाद भी हैं.
अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता विक्रम वर्मा के दामाद हैं. मध्य प्रदेश के धार में उनका ससुराल है. उनकी सास नीना वर्मा धार से विधायक हैं. चुनाव प्रचार के दौरान प्रवेश की सास और ससुर ने दिल्ली में सक्रिय भूमिका निभाई थी. नतीजों के बाद धार के बदनावर समेत कई इलाकों में बीजेपी समर्थकों ने आतिशबाजी की और मिठाइयां बांटकर जीत का जश्न मनाया.
23 साल पहले साल 2002 में प्रवेश वर्मा की स्वाति वर्मा से शादी हुई थी. इनका एक बेटा और दो बेटियां हैं. प्रवेश वर्मा के ससुर विक्रम वर्मा अटल बिहारी वाजपेई सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे हैं. उसी दौरान प्रवेश वर्मा के पिता साहिब सिंह वर्मा दिल्ली के मुख्यमंत्री थे. प्रवेश वर्मा भी राजनीतिक पृष्ठभूमि से हैं. दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं. पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट से दो बार के सांसद रह चुके हैं.
नई दिल्ली सीट का अलग ही रुतबा
दिल्ली के मुख्यमंत्री की रेस में प्रवेश वर्मा का नाम सबसे आगे चल रहा है क्योंकि दिल्ली की राजनीति में नई दिल्ली विधानसभा सीट का अलग ही रुतबा रहा है. 2013, 2015 और 2020 में अरविंद केजरीवाल इसी सीट से जीतकर मुख्यमंत्री बने थे. उनसे पहले शीला दीक्षित इसी विधानसभा सीट से जीतकर मुख्यमंत्री थीं. 2013 में केजरीवाल ने शीला दीक्षित को हराकर सत्ता में एंट्री ली थी. अब, जब बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने इसी सीट से जीत दर्ज की है, तो पार्टी के अंदर उन्हें सीएम पद के सबसे प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है.