अस्पताल में इलाज के दौरान किसी की मौत होने के बाद परिजन उसके शव को लेने जाते हैं, लेकिन राजस्थान के बूंदी में अजीब और हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां परिजन मृतक की आत्मा लेने आ रहे हैं. हैरत तब हुई जब 10 साल पहले मरी महिला की आत्मा लेने परिजन अस्पताल पहुंचे. उनका दावा है कि उन्हें आत्मा मिल गई, जिसके बाद वह अपने घर के लिए रवाना हो गए. इस बीच उन्होंने अस्पताल परिसर में पूजा-पाठ किया.
राजस्थान में ऐसे मामले अक्सर देखे जा रहे हैं. खासकर बूंदी जिले में यह मामले सामने आ रहे हैं. लोग इस वैज्ञानिक युग में भी टोटके कर रहे हैं. बूंदी के जिला अस्पताल में हुई इस वारदात से कुछ लोग सहमे हुए हैं. अस्पताल में आत्मा की बात सुनकर मरीज और उनके साथ आए तीमारदार भी दहशत में आ गए. जिस मृतक महिला की आत्मा लेने उसके परिजन पहुंचे थे, उसकी मौत 10 साल पहले इसी हॉस्पिटल में हुई थी.
10 साल पहले हुई महिला की मौत
जानकारी के मुताबिक, बूंदी जिला अस्पताल में 10 वर्ष पूर्व 32 वर्षीय गर्भवती महिला सोनाबाई की मौत हो गई थी.वह जिले के उपखंड नैनवा के मारा गांव की रहने वाली थी. 10 साल पहले गर्भवती होने पर परिजन उसे सरकारी चिकित्सालय लाए थे. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अचानक उसके परिजन उसकी आत्मा लेने जिला अस्पताल परिसर में पहुंच गए. यहां उन्होंने मेडिकल वार्ड के पीछे पूजा-पाठ की. इस दौरा परिजनों का दावा है कि उन्होंने मृतका सोनाबाई की आत्मा को एक दीपक के रूप में लिया.
आत्मा लेकर चले गए गांव
इस दौरान मृतक महिला का देवर के अंदर महिला की आत्मा आने का हवाला दिया. उस युवक ने साड़ी ओड रखी थी और माला पहने हुए था. इस बीच परिजन एक बर्तन में दीपक के रूप में महिला की आत्मा को लेकर रवाना हो गए. इस दौरान महिलाएं गीत गा रहीं थीं और अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड के बाहर खड़ी हुई थी. परिजन आत्मा लेकर जिला अस्पताल से गाड़ी के द्वारा मारा गांव के लिए रवाना हो गए.
एक महीने में 6 मामले आए सामने
जिला अस्पताल में लगातार आत्मा लेकर जाने वालों का आए दिन यह अंधविश्वास का बड़ा खेल देखा जा रहा है. बूंदी जिला अस्पताल में इस एक महीने में करीबन आधा दर्जन से भी ज्यादा लोग अपने मृतक परिजनों की आत्मा को लेने आ चुके हैं. यानी कि जिला अस्पताल में यह कहा जा सकता है कि मरने वाले की भटकती आत्मा को परिजन लगातार लेने आ रहे हैं. वह मृतक की आत्मा को मना कर जिला अस्पताल से अपने घर ले जाते हैं.