ब्रेकिंग
उनके लिए सभी सांसद सीट छोड़ सकते हैं… केजरीवाल के राज्यसभा जाने की चर्चा पर संजीव अरोड़ा ये रामलीला कर रहे हैं… कहने पर AAP MLA अनिल झा को स्पीकर ने दिखाया बाहर का रास्ता उमर बोले- मनमोहन सिंह के दौर में कश्मीर मुद्दा सुलझाने के करीब पहुंच गए थे भारत और पाक 2 हजार आबादी वाले इस गांव में जाने का नहीं है कोई रास्ता, किराए पर जमीन लेकर आती है बारात; हिन्दू-मु... होटल में खाना खाने पहुंचा था सफाईकर्मी, बिल देख आया हार्ट अटैक… वायरलहोरहावीडियो यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, शुरू कर सकते हैं शो पूतना जैसी क्रूर, शव से आंख निकालकर लगाती थी ठहाके; दस्यु सुंदरी कुसुमा की मौत पर इस गांव में मनी दि... राक्षस बना पिटबुल… नोएडा में शेल्टर कर्मचारी पर डॉग का हमला, 10 मिनट तक नोंचा पिता की गुहार नहीं आई काम, UAE में बंद शहजादी खान को हुई फांसी, 5 मार्च को अंतिम संस्कार आकाश आनंद पर मायावती का एक और एक्शन, पहले पद से हटाया अब पार्टी से भी निकाला

100 महिला मजदूर, 1000 कांटों की गठरियां… मेवाड़ में जलाई जाती है 2 मंजिल की होलिका, एक महीने पहले से शुरू हो जाती है तैयारी

14 मार्च को भारत में होली का त्योहार मनाया जाएगा. होली से एक दिन पहले 13 फरवरी को होलिका दहन किया जाता है. ऐसे में राजस्थान के पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ नाथद्वारा में श्रीनाथजी की होलिका दहन को बनाने का काम शुरू कर दिया गया है. हर साल की तरह इस साल भी इस होलिका दहन को बनाने के लिए 100 से ज्यादा महिला श्रमिक कांटे लाने का काम कर रही हैं. ये होलिका लगभग दो मंजिला इमारत जितनी ऊंची बनेगी. इस होलिका दहन को देखने के लिए बाहर से भी दर्शनार्थी आते हैं.

ये पूरे मेवाड़ की सबसे बड़ी होलिका दहन होती है. होली के जलने के बाद लगभग 50 से 60 फीट ऊंची लपटें उठती हैं, जिससे पूरा शहर प्रकाशित हो जाता है और रोशनी ही रोशनी नजर आती है. इसे कई काटों की गठरियों से बनाया जाता है. ये लगभग दो मंजिला भवन जितनी ऊंची होती है. तहसील रोड स्थित होली मंगरा पर होलिका अब अपना आकार लेने लगी है. इसके निर्माण में लगे श्रमिक और कांटों की गठरिया लाने वाली महिलाएं लगातार काम कर रही हैं.

100 ज्यादा महिलाएं करती हैं काम

आधी होलिका का निर्माण हो चुका है, जिसे 12 दिनों में पूरा कर दिया जाएगा. कार्य करने वाले श्रमिक प्रभु लाल माली ने बताया कि वह कई सालों से इसी तरह हर साल इस होलिका का निर्माण करते आ रहे हैं. इस कार्य में 15 से 20 दिन का समय लगता है. इसलिए महीनेभर पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं. करीब 15 लोग इस काम में लगते हैं और 100 से ज्यादा महिला श्रमिक कांटे लाने का कार्य करती हैं.

1000 से ज्यादा कांटों की गठरियां

पूरी बनाने पर यह होलिका दहन 40 फीट के व्यास में करीबी 30 से 35 फीट ऊंची होती है. इसमें एक हजार से 1300 कांटो की मथारियां लगती हैं. वहीं महिला श्रमिक मांगीबाई ने बताया कि 100 से ज्यादा महिलाएं नाथुवास स्थित श्रीनाथजी के बीड़े से कांटे लाने का कार्य करती हैं. इस साल भी लगभग 1000 से ज्यादा कांटों की गठरियों से इसका निर्माण किया जा रहा है.

उनके लिए सभी सांसद सीट छोड़ सकते हैं… केजरीवाल के राज्यसभा जाने की चर्चा पर संजीव अरोड़ा     |     ये रामलीला कर रहे हैं… कहने पर AAP MLA अनिल झा को स्पीकर ने दिखाया बाहर का रास्ता     |     उमर बोले- मनमोहन सिंह के दौर में कश्मीर मुद्दा सुलझाने के करीब पहुंच गए थे भारत और पाक     |     2 हजार आबादी वाले इस गांव में जाने का नहीं है कोई रास्ता, किराए पर जमीन लेकर आती है बारात; हिन्दू-मुस्लिम का भी है विवाद     |     होटल में खाना खाने पहुंचा था सफाईकर्मी, बिल देख आया हार्ट अटैक… वायरलहोरहावीडियो     |     यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, शुरू कर सकते हैं शो     |     पूतना जैसी क्रूर, शव से आंख निकालकर लगाती थी ठहाके; दस्यु सुंदरी कुसुमा की मौत पर इस गांव में मनी दिवाली     |     राक्षस बना पिटबुल… नोएडा में शेल्टर कर्मचारी पर डॉग का हमला, 10 मिनट तक नोंचा     |     पिता की गुहार नहीं आई काम, UAE में बंद शहजादी खान को हुई फांसी, 5 मार्च को अंतिम संस्कार     |     आकाश आनंद पर मायावती का एक और एक्शन, पहले पद से हटाया अब पार्टी से भी निकाला     |