उत्तर प्रदेश की बांदा जिले की पुलिस ने एक 38 साल पहले अपने पड़ोसी की हत्या करने वाले शख्स को गिरफ्तार किया है, जो फरार चल रहा था और अपनी पहचान छुपाकर मध्य प्रदेश में रह रहा था. उसने पुलिस से बचने के लिए साधु का भेष धारण किया हुआ था. आरोपी ने कई सालों पहले अपने जमीनी विवाद को लेकर अपने पड़ोसी को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया था. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन फिर वह फरार हो गया.
फरार शख्स का नाम बाबूलाल है, जो बांदा जिले के बिसंडा का रहने वाला है. उसने 1985 में अपने पड़ोसी की हत्या की थी. इस दौरान एक और व्यक्ति घायल हो गया था. इस मामले में डिस्ट्रिक्ट और सेशन कोर्ट ने उसे साल 1986 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इसके साथ ही उस पर 2 हजार का जुर्माना लगाया था. हालांकि इसके बाद में उसे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी गई.
हाईकोर्ट ने शर्त पर दी जमानत
हाईकोर्ट ने बाबूलाल को इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह समय-समय पर कोर्ट में पेश होता रहेगा. लेकिन जब बाबूलाल की पेशी होनी थी वो कोर्ट नहीं पहुंचा और फरार हो गया. तब से पुलिस ने उसकी तलाश कर रही थी. उसकी गिरफ्तारी के लिए एसपी अंकुर अग्रवाल के निर्देश और क्षेत्राधिकारी सौरभ सिंह के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम का गठन गया था.
पहचान छुपाकर रह रहा था
इसके बाद पुलिस की स्पेशल टीम बाबूलाल को खोजने में लगी हुई थी. इसी बीच पुलिस को पता चला कि बाबूलाल मध्य प्रदेश के सतना के चित्रकूट में फलाहारी आश्रम में अपनी पहचान छुपाकर रह रहा है. वह आश्रम में साधु बनकर रह रहा था. पुलिस ने आश्रम पहुंचकर बाबूलाल को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया कि बाबूलाल अपनी पहचान छुपाकर रह रहा था, लेकिन मुखबिर की जानकारी के आधार पर उसे पकड़ लिया गया.