महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश में छत्रपति शिवाजी और औरंगजेब को लेकर जमकर सियासत की जा रही है. इस लेकर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बीच घमासान मचा हुआ है. अब आरटीआई से एक बड़ा खुलासा हुआ है. आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार औरंगजेब की मजार के लिए सरकार ने 3 साल में साढ़े 6 लाख रुपए खर्च किए, जबकि छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए सिर्फ 250 रुपए खर्च किए हैं. इस खुलासे के बाद महाराष्ट्र की सियासत गरमा गई है.
हिंदू जनजागृति संगठन ने इसे लेकर सवाल उठाया है और कहा कि औरंगजेब की कब्र के लिए लाखों रुपये, मगर छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए सिर्फ 250 रुपये क्यों खर्च किए गए?
हिंदू जनजागृति समिति ने औरंगजेब की कब्र की सहायता तत्काल बंद करने और छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए भरपूर सहायता देने की मांग की है.
बता दें कि सपा नेता अबू आजमी के औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान से विवाद जारी अभी जारी है. इसी बीच हिंदू जन जागृति संगठन ने औरंगजेब की कब्र को लेकर होने वाले खर्चे का ब्यौरा देते हुए और छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर की देखभाल खर्च में भेदभाव का आरोप लगाया है.
औरंगजेब की मजार पर 6.50 लाख रुपए खर्च
हिन्दू जनजागृति संगठन के मुताबिक औरंगजेब की कब्र की देखभाल के लिए केंद्र सरकार के भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा हर साल लाखों रुपये की सहायता दी जा रही है. उपलब्ध जानकारी के अनुसार, वर्ष 2021-22 में 2,55,160 रुपए और वर्ष 2022-23 (नवंबर तक) 2,00,636 रुपए खर्च किए हैं. इस प्रकार अब तक लगभग 6.50 लाख लाख रुपये खर्च किए गए हैं.
वहीं दूसरी ओर, महाराष्ट्र की गौरवशाली संस्कृति के प्रतीक सिंधुदुर्ग किले में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज के एकमात्र मंदिर के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा सिर्फ 250 रुपए मासिक सहायता दी जाती है.
हिंदू जागृति मंच ने लगाया भेदभाव का आरोप
हिन्दू जनजागृति संगठन ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है कि जिन्होंने हिंदू धर्म, महाराष्ट्र संस्कृति और स्वराज्य की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया, उनके मंदिर के लिए इतना कम अनुदान दिया जा रहा है.
यह सभी आरोप हिंन्दू जनजागृति संगठन ने लगाए है और इसका आधिकारिक डाटा अभी हमारे पास सामने नहीं आया है हिंदू जनजागृति समिति के राज्य संघटक सुनील घनवट ने मांग की है कि औरंगजेब की कब्र के रखरखाव के लिए दी जाने वाली सहायता तत्काल बंद की जाए और छत्रपति शिवाजी महाराज के मंदिर के लिए भरपूर आर्थिक सहायता घोषित की जाए. सरकार को इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देना चाहिए, अन्यथा हिंदू समाज इस अन्याय के खिलाफ तीव्र आंदोलन करेगा.