दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को एक स्मरण पत्र सौंपते हुए हाल ही में संपन्न सत्र के दौरान कार्यप्रणाली और निर्देशों पर विभिन्न आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि सत्र के दौरान विपक्ष के साथ अन्यायपूर्ण और असंवैधानिक व्यवहार किया गया, जो संसदीय परंपराओं और लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है. आतिशी ने कहा कि स्पीकर की जिम्मेदारी है कि वो सदन की मर्यादा बनाए रखें, हर आवाज सुनें और निष्पक्षता के सिद्धांतों का पालन करें.
वहीं आतिशी के आरोपों पर विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता ने जवाब दिया है. उन्होंने सभी आरोपों को निराधार बताया है. गुप्ता ने आतिशी को पत्र लिखकर कहा है कि ‘ मैं दोहराना चाहता हूं कि ये सभी निराधार आरोप हैं, जो तथ्यों की तुलना में अधिक राजनीतिक विचारों से प्रेरित प्रतीत होते हैं. अध्यक्ष ने कहा कि वह पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि सदन द्वारा निलंबित किए गए सदस्यों को बाहर रखने का मेरा निर्णय हमारे नियम 277 और परिसर की परिभाषा के अनुसार था.
‘मुझे आश्चर्य है कि आप…’
अध्यक्ष ने कहा कि इस परिभाषा में परिसर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र को विस्तार से समझाया गया है और इसमें मार्ग भी शामिल हैं. इसके अलावा, यह अध्यक्ष को समय-समय पर अन्य स्थानों को भी घोषित करने का अधिकार देता है. गुप्ता ने कहा ‘मुझे आश्चर्य है कि आप और आपकी पार्टी के सदस्यों के विघटनकारी व्यवहार के लिए माफी मांगने के बजाय, आप मेरे विधिसम्मत निर्देशों को ही गलत ठहराने का प्रयास कर रही हैं’.
‘लगता है आपको नियमों की जानकारी नहीं दी गई’
इसके आगे विजेंद्र गुप्ता कि जहां तक फ्लोर टाइम (सदन में बोलने का समय) का सवाल है तो मुझे लगता है कि आपको हमारे नियमों और संसदीय परंपराओं के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि फ्लोर टाइम निश्चित रूप से दलों की संख्या के अनुपात में आवंटित किया जाता है, लेकिन कृपया ध्यान दें कि यह समय उन सदस्यों की उपस्थिति पर भी निर्भर करता है जो सदन में मौजूद होते हैं. विपक्ष के सदस्य तीन दिनों तक निलंबन के कारण उपस्थित नहीं थे. हालाकि अमानतुल्लाह खान जो उपस्थित थे, उन्हें बहस में भाग लेने की अनुमति दी गई थी. उन्होंने इसके बाद सदन से वाकआउट किया और आगे की चर्चा में भाग नहीं लिया.
‘कार्यवाही बाधित होने पर मुझे हस्तक्षेप करना पड़ा’
अध्यक्ष ने कहा कि कृपया यह भी ध्यान दें कि मुख्यमंत्री या किसी मंत्री द्वारा उपयोग किया गया फ्लोर टाइम इसमें शामिल नहीं किया जाता, क्योंकि उन्हें हमारे नियमों के अनुसार किसी भी समय हस्तक्षेप करने की अनुमति होती है. गुप्ता ने कहा ‘ जहां तक मेरे हस्तक्षेप या बीच में बोलने का सवाल है, मुझे तब हस्तक्षेप करना पड़ा जब सदन अव्यवस्थित था या कोई सदस्य भड़काऊ बयान देकर कार्यवाही बाधित कर रहा था’. उन्होंने कहा कि इसी तरह जो भी बिंदु नियमों के अनुसार उठाए गए, उन्हें विधिवत स्वीकार किया गया और आगे भी किया जाएगा.
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आपने (आतिशी) मेरे विपक्षी सदस्य के रूप में कार्यकाल के दौरान की गई गतिविधियों का उल्लेख किया है. इस संबंध में विस्तार से उत्तर देना उचित नहीं होगा, लेकिन कृपया ध्यान रखें कि हमने न्यायिक मार्ग अपनाया था और माननीय न्यायालयों से तत्कालीन अध्यक्ष और सरकार की कार्रवाई के विरुद्ध राहत प्राप्त की थी.
आखिर में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा ‘ मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि मेरा इरादा सदन को हमारे नियमों, संवैधानिक प्रावधानों और संसदीय परंपराओं के अनुसार संचालित करने का है. हालांकि, किसी भी सदस्य द्वारा की गई असंसदीय गतिविधि को सख्ती से निपटाया जाएगा, मुझे विश्वास है कि आप मेरी इस स्थिति को समझेंगे और सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करेंगे. यह हमारा कर्तव्य है कि हम दिल्ली की जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरें, जिन्होंने हमें इस सम्मानित सदन में भेजा है.
बजट सत्र से पहले आतिशी ने अध्यक्ष को लिखा पत्र
दरअसल पूर्व सीएम और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने विधानसभा विजेंद्र गुप्ता को चिट्ठी लिखकर कहा है कि उनकी पार्टी के विधायकों को विधानसभा परिसर से बाहर किया जाना ग़लत था. उन्होंने कहा कि सत्र में आम आदमी पार्टी के विधायकों को बोलने का कम समय मिला. बजट सत्र से पहले लिखे पत्र में आतिशी ने स्पीकर से कहा कि बजट सत्र में विपक्ष के विधायकों को सदन में अपनी संख्या बल के अनुसार बोलने का समय दिया जाए.