पूर्णिया के बच्चे अब श्मशान और कब्रिस्तान के बीच पढेंगे और जीवन की अंतिम सच्चाई अपनी आंखों से देख पाएंगे. क्योंकि बिहार के पूर्णिया में एक ऐसे ही स्कूल का निर्माण हो रहा है, जो विवादों में आ गया है और इसको लेकर 2 समुदाय के बीच तनातनी की स्थिति हो चुकी है. इस पूरे मामले में एक तरफ मुस्लिम पक्ष स्कूल बनाने के पक्ष में है. वहीं, हिंदू पक्ष के लोग स्कूल निर्माण का पुरजोर विरोध कर रहे हैं.
बिहार के पूर्णिया जिला के बायसी प्रखंड क्षेत्र के खुटिया और मीनापुर पंचायत में शमशान घाट में स्कूल बनने से दो समुदाय के बीच तनातनी का माहौल है. एक तरफ जहां हिंदू पक्ष स्कूल निर्माण के खिलाफ हैं, वही मुस्लिम पक्ष स्कूल निर्माण करने को आमादा हैं. हिन्दू पक्ष के लोगों का कहना है कि वह यहां पूर्वजों के समय से शवों का दाह संस्कार करते आ रहे हैं. मगर यहां के मुस्लिम जनप्रतिनिधि इसी भूमि पर स्कूल का निर्माण शुरू कर दिया है, जिसे कभी पूरा होने नहीं देंगे.
स्कूल बनाने के पक्ष में मुस्लिम समुदाय
वहीं मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि यहां 5 से 6 गांवों के बच्चें को पढ़ने में दिक्कत होती हैं. इसके अलावे कोई सरकारी भूमि भी नहीं हैं, इसलिए यहां स्कूल बनाया जा रहा है. वहीं, मुस्लिम समुदाय एकजुट होकर स्कूल बनाने के पक्ष में खड़ा नजर आ रहा है. मगर सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जहां बच्चे शिक्षा ग्रहण करेंगे. वहीं, शमशान में चिता भी जलेगी, तो बच्चों के मनोभाव पर क्या असर पड़ेगा.
शमशान की भूमि पर स्कूल
इस पूरे निर्माण को लेकर दोनों समुदाय के बीच टकराहट की स्थिति निरंतर बनी हुई है.आपको बता दे कि बायसी हिंदू अल्पसंख्यक इलाका हैं. यहां शमशान की जमीन को लेकर पूर्व में हुए विवाद को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपनी हिंदू स्वाभिमान यात्रा में चर्चा की थी. वहीं पूरे मामले से अब तक बायसी पुलिस प्रशासन अनजान हैं, जबकि बायसी अनुमंडल पदाधिकारी के संज्ञान में आते ही अंचल अधिकारी को जांच के लिए भेजा है.
रोका गया निर्माण का काम
मामले को लेकर अंचल अधिकारी गणेश पासवान ने बताया कि तत्काल काम को रोक दिया गया है. कर्मचारी और अमीन को जमीन नापने के लिए भेज दिया गया है, जो उचित होगा वही किया जाएगा.