राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में तीन दिवसीय बैठक हो रही है. मंथन का आज दूसरा दिन है. इस बीच, RSS के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और बांग्लादेश, परिसीमन जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी. उन्होंने परिसीमन पर कहा कि 2002 के बाद परिसीमन को फ्रीज कर दिया गया. तो सवाल ये है कि अभी कोई नया एक्ट आया क्या?
अरुण कुमार ने कहा कि इसको (परिसीमन) लेकर अनावश्यक आशंका जाहिर की जा रही है. समाज में सबको लेकर चलने की बात करनी चाहिए. अविश्वास खड़ा करने से बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि डिलिमिटेशन के लिए एक्ट आता है. पहले परिसीमन एक्ट 1979 बना. उसके बाद परिसीमन एक्ट 2002 आया. उसके बाद परिसीमन को फ्रीज कर दिया गया. तो सवाल ये कि अभी कोई नया एक्ट आया क्या ?
अभी जो लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं, उनसे पूछिए कि परिसीमन से पहले जनसंख्या गणना होती है. उसके बाद परिसीमन एक्ट आता है. ऐसा कुछ हुआ भी नहीं है फिर वो इस मुद्दे को लेकर क्यों आगे बढ़ रहे हैं? जो लोग परिसीमन को मुद्दा बना रहे हैं, उनको इंट्रोइंस्पेक्शन करना चाहिए कि क्या जो वो कर रहे हैं वो सही है?
बीजेपी अध्यक्ष की नियुक्ति पर क्या बोले?
बीजेपी अध्यक्ष की नियुक्ति में हो रही देरी पर अरुण कुमार ने कहा कि संघ से जुड़े 32 संगठन हैं. हर संगठन स्वयं में स्वतंत्र और स्वायत्त है और उनकी अपनी निर्वाचन प्रक्रिया है. किसी भी संगठन में अध्यक्ष चुनाव के लिए संघ से कोई समन्वय नहीं होती. हमारी उनसे कोई ठनी हुई है ऐसा नहीं है. उनके यहां चुनाव की प्रक्रिया चल रही है. थोड़ा दिन धैर्य रखिए परिणाम सामने आ जाएगा.
RSS की बैठक में बांग्लादेश पर प्रस्ताव पास
बैठक में बांग्लादेश को लेकर प्रस्ताव भी पास हुआ है. अरुण कुमार ने कहा कि आरएसएस अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने प्रस्ताव पारित कर बांग्लादेश के हिंदू समाज के साथ एक जुड़ता से खड़े रहने का आह्वान किया. प्रस्ताव में कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए. प्रतिनिधि सभा की बैठक में यूनाइटेड नेशन के दखल की मांग की गई.
हम परिसीमन के खिलाफ नहीं पर यह निष्पक्ष हो- स्टालिन
परिसीमन पर संघ का बयान ऐसे समय पर आया है, जब चेन्नई में तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के नेतृत्व में इसको लेकर बैठक चल रही है. परिसीमन को लेकर स्टालिन ने कहा कि वर्तमान जनसंख्या के हिसाब से निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन नहीं होना चाहिए. हम परिसीमन के खिलाफ नहीं हैं, हम निष्पक्ष परिसीमन के पक्ष में हैं. अधिकार बने रहें, इसके लिए निरंतर कार्रवाई बहुत जरूरी है.