औरंगजेब की कब्र को लेकर घमासान जारी है. रविवार को औरंगजेब की कब्र को तोड़ने जा रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. छत्रपति संभाजी राजे शौर्य प्रतिष्ठान ने औरंगजेब की कब्र उखाड़ने की चेतावनी दी थी. छत्रपति संभाजी नगर पुलिस ने छत्रपति संभाजी राजे शौर्य प्रतिष्ठान के अध्यक्ष को हिरासत में ले लिया.
छत्रपति संभाजी राजे शौर्य प्रतिष्ठान के अध्यक्ष बलराजे अवारे पाटिल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. 23 मार्च यानी आज औरंगजेब के कब्र उखाड़ने की चेतावनी धर्मवीर छत्रपति संभाजी राजे शौर्य प्रतिष्ठान की ओर से दी गई थी.
सुबह से ही शहर के क्रांतिचौक परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी और जवान इन कार्यकर्ताओं का हिरासत में लेने के लिए मौजूद थे. बाद में पुलिस ने उन सभी को गिरफ्तार कर लिया.
मकबरे के पास लगाए गए कांटेदार तार
दूसरी ओर,छत्रपति संभाजीनगर से लगभग 30 किलोमीटर दूर खुल्ताबाद में मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे की सुरक्षा के लिए धातु की चादर लगाने के कुछ दिनों के भीतर, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अब चादर और मौजूदा संगमरमर की ग्रिल के बीच कांटेदार तार लगा दिए हैं जो तीन सदी से अधिक पुराने मकबरे को दो तरफ से घेरे हुए हैं.
तीसरी तरफ एक दीवार है जबकि चौथी तरफ मकबरे में एक छोटा प्रवेश द्वार है. दक्षिणपंथी संगठनों द्वारा सरकार द्वारा मकबरे को नहीं हटाने पर बाबरी मस्जिद विध्वंस के समान कार सेवा करने की धमकी के बाद यह कदम उठाया जा रहा है.
मकबरे की सुरक्षा के किए गए सख्त इंतजाम
मकबरे पर पुलिस भी तैनात की गई है और ढांचे की ओर आवाजाही को काफी हद तक रोक दिया गया है. मकबरे की छठी पीढ़ी के देखभालकर्ता फिरोज अहमद ने कहा, पहले धातु की चादरें लगाई गईं और अब सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए सरकारी अधिकारियों ने कांटेदार तार लगाने से रोक दिया है.
दूसरी ओर,नाम न बताने की शर्त पर एएसआई के एक अधिकारी ने कहा, “यह एक संरक्षित स्मारक है और इसकी सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है. अगर किसी संरक्षित स्मारक को कोई नुकसान पहुंचाया जाता है, तो इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के बारे में गलत संदेश जाएगा. यह मकबरा सूफी संत हजरत जैनुद्दीन शिराजी की दरगाह के परिसर में स्थित है.