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होटल रेस्टोरेंट बिल पर कंफ्यूज? कब लगेगा 18% GST, कब 5%, यहां है पूरी जानकारी

अगर आप भी अक्सर होटल या रेस्टोरेंट में जाकर खाना खाते हैं तो ये खबर आपके काम की साबित हो सकती है. अगर आप किसी रेस्टोरेंट में खाना खाने जाते हैं, तो आपको अलग-अलग खाने की चीजों पर अलग-अलग जीएसटी देना होगा. उदाहरण के लिए, अगर आप सिर्फ खाना खाते हैं, तो 5% जीएसटी लगेगा, लेकिन अगर खाने के बाद आइसक्रीम ऑर्डर कर ली, तो इस पर 18% जीएसटी देना होगा.

यही नहीं, रोटी और पराठे पर भी अलग-अलग टैक्स लगाया जाता है. अगर कोई ग्राहक एक रोटी और दो पराठे खा ले, तो दुकानदार को बिल बनाते समय माथापच्ची करनी पड़ेगी, और ग्राहक को बिल देखकर आश्चर्य होगा. इसके अलावा, अगर किसी रेस्टोरेंट को एसी रेस्टोरेंट का दर्जा प्राप्त है, तो वहां पर एसी चालू हो या न हो, सभी फूड आइटम्स पर 18% जीएसटी लगेगा. यह सभी नियम होटल और रेस्टोरेंट पर लगने वाले GST को लेकर कंफ्यूजन पैदा करते हैं. ऐसे में CBIC ने साफ़ कर दिया है कि कब कहां GST लगेगा.

कब कहां लगेगा कितना GST?

दरअसल, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने हाल ही में कहा है कि वित्त वर्ष में किसी भी समय कमरे का किराया 7,500 रुपये प्रतिदिन से अधिक वसूलने वाले होटल को अगले वित्त वर्ष के लिए निर्दिष्ट परिसर माना जाएगा और ऐसे परिसरों के अंदर प्रदान की जाने वाली रेस्तरां सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के साथ 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा.

एक अप्रैल, 2025 से, ऐसे रेस्तरां जो होटलों के अंदर संचालित होते हैं, उनकी करयोग्यता आपूर्ति के मूल्य (लेन-देन मूल्य) के आधार पर होगी. यह घोषित शुल्क की व्यवस्था की जगह लेगा. सीबीआईसी ने निर्दिष्ट परिसर में आपूर्ति की गई रेस्तरां सेवा विषय पर जारी अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) में कहा है , एक अप्रैल, 2025 से शुरू होने वाली अवधि के लिए, पिछले वित्त वर्ष में होटल आवास की आपूर्ति का मूल्य, यानी उक्त आपूर्ति के लिए लिया गया लेनदेन मूल्य, यह निर्धारित करने का आधार होगा कि होटल आवास सेवा प्रदान करने वाला परिसर चालू वित्त वर्ष में अनिवार्य रूप से निर्दिष्ट परिसर की श्रेणी में आता है या नहीं.

होटल को लेकर क्या है नियम?

सीबीआईसी ने निर्दिष्ट परिसर को ऐसे परिसर के रूप में परिभाषित किया है, जहां से आपूर्तिकर्ता ने पिछले वित्त वर्ष में होटल में रहने की सेवा प्रदान की है और जिसमें आवास की किसी भी इकाई की आपूर्ति का मूल्य 7,500 रुपये प्रति इकाई प्रति दिन या उससे अधिक है. ऐसी होटल के अंदर रेस्तरां सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) के साथ स्वत: रूप से 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा. होटलों के अंदर रेस्तरां सेवाएं जिनके कमरे का किराया पिछले वित्त वर्ष में 7,500 रुपये प्रति दिन से अधिक नहीं रहा है, उन पर आईटीसी के बिना पांच प्रतिशत जीएसटी बना रहेगा.

ऑप्ट इन का हो सकता है ऐलान

साथ ही, जिस होटल की अगले वित्त वर्ष से कमरे का किराया 7,500 रुपये से अधिक वसूलने की योजना है, वे चालू वित्त वर्ष की एक जनवरी से 31 मार्च के बीच जीएसटी अधिकारियों के समक्ष ऑप्ट इन यानी व्यवस्था में शामिल होने की घोषणा कर सकते हैं. साथ ही, नए पंजीकरण की मांग करने वाले होटलों को उक्त परिसर को निर्दिष्ट परिसर घोषित करते हुए इसे प्राप्त करने के 15 दिन के भीतर इस व्यवस्था को अपनाने के बारे में जानकारी देनी होगी.

ऐसे तय होगी GST

CBIC ने बताया है कि अब किसी होटल को ‘खास जगह’ घोषित करने के नियमों में बदलाव किया जा रहा है. पहले यह फैसला होटल के ‘घोषित किराए’ के आधार पर किया जाता था, लेकिन अब यह नियम होटल की ‘वास्तविक कमाई’ पर आधारित होगा.इस बदलाव की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि अब ज्यादातर होटल अपनी मांग के अनुसार किराया कम या ज्यादा करते रहते हैं. इसके अलावा, CBIC ने होटल संचालकों को एक अतिरिक्त सुविधा भी दी है. नए नियम के तहत, होटल मालिक अगर चाहें तो अपनी कमाई कम होने के बावजूद खुद ही अपने होटल को ‘खास जगह’ घोषित कर सकते हैं.

इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि ऐसे होटलों के अंदर स्थित रेस्तरां अपनी सेवाओं पर 18% GST लगाकर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का पूरा लाभ उठा सकेंगे. इससे होटल उद्योग को वित्तीय रूप से और अधिक लाभ मिलेगा.

ITC के साथ 18 फीसदी GST

ईवाई टैक्स पार्टनर सौरभ अग्रवाल ने कहा कि अनुपालन को सरल बनाने के लिए, सीबीआईसी ने अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न जारी किए हैं. इसके जरिये स्पष्ट किया गया है कि यदि पिछले वित्त वर्ष में होटल आवास का मूल्य 7,500 रुपये प्रति दिन से अधिक है, तो परिसर आईटीसी के साथ 18 प्रतिशत जीएसटी के अधीन होगा. यदि मूल्य पिछले वित्त वर्ष में 7,500 रुपये से अधिक नहीं है, तो होटल स्वेच्छा से निर्दिष्ट परिसर वर्गीकरण के लिए विकल्प चुन सकते हैं, घोषणा तब तक वैध रहेगी जब तक वे उससे बाहर निकलने का विकल्प नहीं चुनते हैं. अग्रवाल ने कहा, इस व्यवस्था से वार्षिक फाइलिंग की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी. प्रत्येक परिसर के लिए अलग-अलग घोषणाएं आवश्यक हैं और निर्दिष्ट परिसर के बाहर स्थित रेस्तरां के लिए, आईटीसी के बिना जीएसटी दर पांच प्रतिशत है.

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