भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में शुक्रवार को भयानक भूकंप आया. भूकंप की तीव्रता 7.7 थी, जोकि काफी तेज था. इन झटकों से कई बिल्डिंग ढह गईं और लोग दहशत में आ गए. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, भूकंप में कम से कम 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 2000 से ज्यादा लोग घायल हुए है. हालांकि, मरने वालों की संख्या और अधिक होने की आशंका जताई जा रही है.
इसी के साथ अभी भी देश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. रेस्क्यू ऑपरेशन अभी चल ही रहा है, इसी के चलते बचाव कार्य जारी रहने के चलते मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है. वहीं, म्यांमार में आए भूकंप के झटके पड़ोसी देश थाईलैंड तक में महसूस किए गए. पड़ोसी देश थाईलैंड के बैंकॉक में एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत ढह गई, जिसमें कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मांगी मदद
जुंटा प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग ने एक वीडियो स्पीच में कहा, मैंने राहत प्रयासों के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन का अनुरोध किया है. म्यांमार में शुक्रवार को दोपहर में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था. इस भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास था. इसी के बाद करीब 11 मिनट बाद 6.4 तीव्रता का जोरदार झटका आया. इसी के साथ अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वे का पहले ही अनुमान था कि मरने वालों की संख्या 1,000 से अधिक हो सकती है.
थाईलैंड में भी मची तबाही
म्यांमार के सैन्य जुंटा नेता, जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने और अधिक मौतों और हताहतों की चेतावनी दी है. साथ ही उन्होंने किसी भी देश को मदद और दान देने के लिए आमंत्रित किया, जबकि मेजर जनरल जॉ मिन तुन ने बताया कि नेपीडॉ, मांडले और सागांग शहर में अस्पताल घायलों से भरे हुए हैं. थाईलैंड में, बैंकॉक के चाटुचक बाजार के पास एक 33 मंजिला निर्माणाधीन इमारत ढह गई. इमारत के ढहने का वीडियो भी तेजी से वायरल हो रही है. इमारत के ढहने के बाद बचावकर्मी मलबे की ओर दौड़े और घायल लोगों को फौरन अस्पताल ले जाया गया.
भूकंप के बाद राहत अभियान शुरू
म्यांमार में भूकंप के बाद राहत अभियान शुरू किया जा चुका है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने घोषणा की कि संयुक्त राष्ट्र जरूरतमंद लोगों की सहायता के लिए दक्षिण पूर्व एशिया में जुट रहा है, राहत के लिए 5 मिलियन डॉलर आवंटित किए गए हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्होंने म्यांमार में अधिकारियों से बात की है और पुष्टि की है कि उनका प्रशासन देश को सहायता देगा. म्यांमार की सरकार ने सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में बल्ड की उच्च मांग की सूचना दी है.
भारत ने बढ़ाया मदद के लिए हाथ
ऐसे मुश्किल के समय में पड़ोसी देश की मदद करने के लिए भारत ने भी कदम उठाया है. भारत ने भी म्यांमार की तरफ मदद का हाथ बढ़ाया है. भारत म्यांमार को टेंट, स्लीपिंग बैग, खाना, स्वच्छता किट और आवश्यक दवाओं सहित 15 टन से अधिक राहत सामग्री भेजेगा. सहायता वायु सेना स्टेशन हिंडन से भारतीय वायु सेना के सी-130जे विमान के जरिए यह मदद देश तक पहुंचाई जाएगी.
मुख्य भूकंप के बाद शुक्रवार को स्थानीय समयानुसार रात 11:56 बजे म्यांमार में 4.2 तीव्रता का झटका आया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) ने पुष्टि की कि झटका 10 किमी की गहराई पर आया, जिससे आगे के झटकों की संभावना बढ़ गई है. म्यांमार में सबसे ज्यादा नुकसान मांडले शहर में हुआ. यहां करीब 15 लाख की आबादी है. अभी भी यहां पर बचाव कार्य जारी है.