झारखंड में पश्चिम सिंहभूम जिला के जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल में मिड-डे मिल का खाना खाने से छात्रों की तबीयत बिगड़ गई. लगभग एक दर्जन से ज्यादा बच्चे बीमार पड़ गए. आनन-फानन में सभी बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. वहीं राज्य के पूर्व सीएम ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की है. चंपई सोरेन ने कहा कि सरकार से आरपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
झारखंड के स्कूल में बनी मिड डे मिल खाने के कारण बच्चों को फूड प्वाइजनिंग हो गई. इलाज के दौरान में एक मासूम बच्चे की मौत हो गई. वहीं 12 से ज्यादा बच्चे बीमार हैं. पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि मिड डे मील खाने के कारण एक बच्ची की मौत हो गई और एक दर्जन से ज्यादा बच्चों के बीमार हुए हैं. उन्होंने राज्य सरकार की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है और कठोर कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
मिड डे मिल खाने से बिगड़ी तबीयत
पश्चिमी सिंहभूम जिला के जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत जेटेया पंचायत के नयागांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में बच्चो के लिए बनी मिड डे मील मौत वाली मिड डे मील में तब्दील हो गई. स्कूल में बना मिड डे मील खाने से बच्चों को फूड प्वाइजनिंग हो गई, जिस कारण स्कूल में पढ़ने वाले 12 से ज्यादा बच्चे बीमार हो गए. आनंन फानन में बच्चों को बेहतर इलाज के लिए जगन्नाथपुर सीएचसी ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान एक 6 वर्षीय मासूम बच्ची की मौत हो गई, जिसका नाम आयुषी गोप है. जबकि लगभग एक दर्जन से ज्यादा बच्चों का इलाज जगन्नाथपुर, नोवामंडी और ओड़िया के अस्पताल में चल रहा है.
एक छात्र की मौत
जानकारी के मुताबिक, जेटेया पंचायत के नयागांव के प्राथमिक विद्यालय मैं बच्चों के लिए मध्यान भोजन बना था. जिसमें चावल- दाल और आलू की सब्जी बनाई गई थी. बच्चों ने मध्यान भोजन किया और शाम होते-होते लगभग एक दर्जन से ज्यादा बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी. उन्हें उल्टी दस्त की शिकायत होने लगी. इसके बाद गुरुवार की रात में ही बच्चों को इलाज के लिए जगन्नाथपुर के स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया था, जहां इलाज के दौरान एक 6 वर्षीय बच्ची आयुषी गोप की मौत हो गई है. जबकि 14 से 15 बच्चे बीमार है, जिनका फिलहाल इलाज चल रहा है.
मिड डे मील खाने के कारण बच्चों के बीमार पड़ने की सूचना के बाद पश्चिमी सिंहभूम जिला के सिविल सर्जन डॉ सुशांतो मांझी के द्वारा प्रभावित गांवों में एक मेडिकल टीम भी भेजी गई. गांव के स्कूल में पढ़ने वाले सभी बच्चों के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है.