भारतीय वायु सेना और थल सेना के शीर्ष कमांडरों ने आज उत्तराखंड और हिमाचल के पहाड़ी इलाकों में एक जटिल फॉर्मेशन मिशन को अंजाम दिया. केंद्रीय वायु कमांडर एयर मार्शल अशुतोष दीक्षित और केंद्रीय सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने Su-30 MKI लड़ाकू विमान में यह महत्वपूर्ण उड़ान भरी. उड़ान भरने के दौरान दीक्षित ने तेजस की ताकत को जानने की कोशिश की.
यह मिशन वायु सेना स्टेशन बख्शी का तालाब से शुरू हुआ, एयर मार्शल दीक्षित ने फॉर्मेशन का नेतृत्व किया, जबकि सेना कमांडर एक विमान के पीछे के कॉकपिट में मौजूद रहे. इस दौरान सेना कमांडर को Su-30 MKI की क्षमताओं और इसकी लंबी दूरी तक मार करने की क्षमता से अवगत कराया गया.
उन्हें सेंट्रल सेक्टर के बीहड़ इलाकों में प्लेटफॉर्म की पहुंच और मारक क्षमता के साथ-साथ नकली समकालीन खतरों के खिलाफ वायु शक्ति की सटीक और तीव्र प्रतिक्रिया भी दिखाई गई. उड़ान के बाद, जीओसी-इन-सी ने भारतीय वायुसेना के वायु योद्धाओं की पेशेवर क्षमता और परिचालन दृष्टिकोण की सराहना की.
इस तरह के मौके भारतीय सशस्त्र बलों की एकजुटता को दर्शाते हैं और सभी सेवाओं के बीच सभी संसाधनों के उपयोग के लिए सहयोगी सेवाओं की क्षमताओं और चुनौतियों की आपसी समझ को गहरा करने का काम करते हैं. इसके साथ ही तालमेल और आने वाले समय में होने वाले ऑपरेशन के लिए भी तैयार करते हैं.
कैसा है Su-30MKI विमान?
भारत को ये Su-30MKI विमान रूस से मिला है. जो दुनिया के शानदार जेट में शुमार है, हवा से हवा और जमीन पर हमला करने में सक्षम है. भारत इस विमान का इस्तेमाल पिछले कई सालों से करता आ रहा है. खासतौर से 2019 में बालाकोट के हमले के बाद Su-30MKI को लेकर पाकिस्तान की फिक्र बढ़ी है. यही कारण है कि इस विमान को हवा में उड़ाना हर किसी अधिकारी को पसंद है.