मध्य प्रदेश डिंडोरी जिले के शहपुरा थाना क्षेत्र के बिलगांव गांव में एक दर्दनाक हादसा हुआ. खेत में फसल काटने गए ग्रामीणों पर मधुमक्खियों के झुंड ने अचानक हमला कर दिया, जिससे एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 13 अन्य लोग घायल हो गए. इनमें से पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है. सभी घायलों का डिंडोरी सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है.
जानकारी के अनुसार, देवरी कला गांव के रहने वाले फगुआ धुर्वे अपने साथियों के साथ शहपुरा थाना क्षेत्र के बिलगांव गांव आए हुए थे. यहां वह दो दिनों से गेहूं के खेत की कटाई कर रहे थे. गुरुवार को जब ये लोग खेत की कटाई कर रहे थे, तभी साथ में आईं कुछ महिलाएं खेत के किनारे पेड़ के नीचे खाना बनाने लगीं.
मधुमक्खियों ने किया हमला
आग से उठे धुएं के कारण पास के पेड़ पर मौजूद मधुमक्खियों का झुंड आक्रामक हो गया. मधुमक्खियों ने महिलाओं और गेहूं काट रहे लोगों पर हमला बोल दिया. किसी तरह कुछ लोगों ने भागकर अपनी जान बचा ली. हमले के दौरान, जिसको जो मिला सभी ने अपने आप को छुपा लिया, लेकिन कुछ लोग मधुमक्खियों में घेरे में आ गए. मधुमक्खियों ने बुरी तरह काटा, जिससे फगुआ धुर्वे की मौत हो गई, जबकि अन्य 13 लोग घायल हो गए, जिसमें पांच लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
पुलिस ने घायलों को अस्पताल में कराया भर्ती
घटना की सूचना मिलते ही शहपुरा पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद शहपुरा अस्पताल में भर्ती कराया, जहां पांच की हालत नाजुक बताई जा रही है. बचाने के दौरान कुछ पुलिसकर्मियों को भी मधुमक्खिओ ने भी अपना शिकार बना लिया. इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है.
हर साल बड़ी संख्या में मजदूर अन्य इलाकों में फसल कटाई के लिए पलायन करते हैं, लेकिन इस तरह के हादसे उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करते हैं. ग्रामीणों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि खेतों में मौजूद मधुमक्खियों के छत्तों को हटाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके.
खेतों में आग जलाने या धुआं करने से बचें
विशेषज्ञों का कहना है कि मधुमक्खियों के हमले से बचने के लिए खेतों में आग जलाने या धुआं करने से बचना चाहिए. खासकर जहां पेड़ों पर मधुमक्खियों के छत्ते हों. यदि मधुमक्खियां हमला करें तो भागने के बजाय जमीन पर लेट जाना चाहिए और अपने चेहरे को कपड़े से ढक लेना चाहिए. यह घटना एक गंभीर चेतावनी है कि प्राकृतिक आपदाओं और वन्यजीवों के खतरे से निपटने के लिए किसानों और मजदूरों को जागरूक किया जाए और प्रशासन इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए.