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तंबुओं में बस गया सुंदर ‘तीर्थ क्षेत्र पुरम’, 20 हजार भक्तों के ठहरने की व्यवस्था, ये मिलेगी सुविधाएं

अयोध्या। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या नगरी दुल्हन की तरह सज गई है। हजारों-लाखों राम भक्तों के ठहरने के लिए अयोध्या में एक अलग तंबुओं का सुंदर शहर ‘तीर्थ क्षेत्र पुरम’ तैयार किया गया है, जिसमें करीब 20 हजार लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। ‘तीर्थ क्षेत्र पुरम’ के व्यवस्था प्रमुख और विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय संगठन मंत्री गजेंद्र सिंह ने जानकारी दी है कि 10 जनवरी से ही यहां राम भक्तों के लिए ठहरने की व्यवस्था शुरू हो गई है। 22 जनवरी के बाद यहां और बेड बड़ा दिए जाएंगे, ताकि भक्तों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। अभी तक कारसेवकपुरम में अस्थायी नगर का संचालन हो रहा था, जहां सिर्फ 1000 लोगों के ठहरने की व्यवस्था थी।

अतिथियों का सत्कार, अयोध्या की परंपरा

अयोध्या नगरी के बारे में कहा जाता है कि यहां की एक सनातन परंपरा है कि अतिथियों के सत्कार में कोई कमी नहीं रखी जाती है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले लाखों श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए यहां कई उत्तम व्यवस्था की गई है। यहां बाग बिजेसी के ‘तीर्थ क्षेत्र पुरम’ बसाया गया है। इस नगरी में कई स्थानों का नामकरण उन लोगों के नाम पर किया गया है, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन अग्रणी रहे थे। महंत परमहंस रामचंद्र दास नगर, महंत अवैद्यनाथ नगर, स्वामी वामदेव नगर, मोरोपंत पिंगले नगर, ओंकार जी नगर, अभिराम दास नगर। तीर्थ क्षेत्र पुरम में 6 भोजनालय हैं, जहां हजारों श्रद्धालु एक साथ भोजन कर सकते हैं।

‘तीर्थ क्षेत्र पुरम’ में ये सुविधाएं

  • ‘तीर्थ क्षेत्र पुरम’ में पेयजल के लिए 11 पंप लगाए गए हैं।
  • कमरों में अटैच स्नानागार के साथ-साथ 200 शौचालय बाहर की ओर भी हैं।
  • ‘तीर्थ क्षेत्र पुरम’ 1200 रूम हैं, जिसमें 3600 बिस्तर लगाए हैं। एक रूम में 3 लोग ठहर सकते हैं।
  • ‘तीर्थ क्षेत्र पुरम’ में दो स्थान ऐसे हैं, जिनमें सिर्फ डारमेट्री की व्यवस्था है, यहां 4 हजार अतिथियों के रहने की व्यवस्था है।
  • एक ऐसी डारमेट्री भी है, जहां एक बार में 1600 राम भक्त ठहर सकते हैं।
  • ‘तीर्थ क्षेत्र पुरम’ में संतों के ठहरने के लिए अलग से व्यवस्था की गई है।
  • अयोध्या पहुंचने वाले अतिथियों के वाहन लाने वाले चालकों के लिए अलग से 500 बेड की व्यवस्था की गई है।

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