इंदौर। पश्चिम रेलवे के रतलाम-इंदौर-महू-सनावद-खंडवा ब्राडगेज लाइन प्रोजेक्ट में 71 किमी का हिस्सा आज भी मीटरगेज ही है। इस हिस्से महू-सनावद के लिए पिछले तीन वर्षों से सैकड़ों करोड़ रुपये का बजट जारी होता आ रहा है, लेकिन मंडल अफसरों के आलस के चलते प्रोजेक्ट गति नहीं पड़ पा रहा है। इस बार बजट में प्रोजेक्ट के लिए 910 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं।
फिलहाल सिर्फ मोरटक्का में नर्मदा पुल, नई ओंकारेश्वर रोड स्टेशन बिल्डिंग और महू-पातालपानी ब्राडगेज लाइन का काम शुरू हुआ है। सबसे ज्यादा समय घाट सेक्शन में ब्रिज, टनल, पुलिया आदि बनाने में लगेगा। गत वर्ष रेलवे ने महू से बलवाड़ा के बीच सिर्फ एक टनल का टेंडर जारी किया है, जिसका काम भी शुरू नहीं हो पाया है। वर्ष 2021 में रतलाम मंडल द्वारा आरआइटीईएस (रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनामिक सर्विस लिमिटेड) से सर्वे करवाया गया, जो जून 2023 में पूरा हुआ।
महू-सनावद ब्राडगेज लाइन के नए अलाइनमेंट के अनुसार ट्रैक पातालपानी से डायवर्ट हो जाएगा, जो बढि़या, बेका, कुलथाना, राजपुरा होते हुए चोरल पहुंचेगा। इन सभी जगह पर स्टेशन बनाए जाएंगे। चोरल में भी नया स्टेशन बनेगा। मुख्त्यारा बलवाड़ा के करीब छह किमी पहले लाइन को पुरानी मीटरगेज लाइन के अलाइनमेंट के साथ जोड़ जाएगा। 71 किमी लंबे रेलखंड में छोटी-बड़ी 21 टनल बनाई जाएंगी। पहाड़ी इलाका होने के कारण 36 मेजर ब्रिज, 76 माइनर ब्रिज, 12 अंडर ब्रिज, ओवर ब्रिज बनाएंगे।
महू-सनावद ब्राडगेज प्रोजेक्ट के लिए वर्ष 2022 में 888 करोड़, 2023 में 700 करोड़ रुपये और 2024 में 910 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। इसी तरह इन तीन साल में प्रोजेक्ट के लिए 2498 करोड़ रुपए मिल चुके हैं। बावजूद विकास की रफ्तार काफी कम है।
नर्मदा नदी पर 900 मीटर लंबा ब्रिज बनाया जाना है। जनवरी2023 में इस ब्रिज का काम 100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से शुरू हुआ है। इसमें पुराने ब्रिज को नष्ट कर दिया गया है। पास में ही बन रहे नए ब्रिज में 16 पिलर तैयार किए जा रहे हैं। पिलर की अधिकतम ऊंचाई 35 मीटर तक की होगी। इस ब्रिज का काम इसी वर्ष सितंबर तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
रेल अफसरों के अनुसार महू-सनावद ब्राडगेज लाइन प्रोजेक्ट को दो हिस्सों महू-बलवाड़ा और बलवाड़ा-बड़वाह में पूरा किया जाना है। महू-बलवाड़ा के बीच 21 टनल बनाई जानी है। इनमें सबसे बड़ी 4.1 किमी लंबी टनल का टेंडर जारी हो चुका है, बाकि के टेंडर अब तक जारी नहीं हुए हैं। इस प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य 2026 तक रखा गया है।
इस प्रोजेक्ट के पूरा होते ही इंदौर की सीधी कनेक्टीविटी महाराष्ट्र, तेलंगाना से हो जाएगी। अभी रतलाम, भोपाल या इटारसी होकर मुंबई जाना पड़ता है। प्रोजेक्ट पूरा होने पर इंदौर से खंडवा होकर ट्रेन महाराष्ट्र, तेलंगाना के लिए आ-जा सकेगी।