मध्यप्रदेश
मप्र हाई कोर्ट ने तथ्य छिपाकर याचिका दायर करने पर लगाया 10 हजार जुर्माना, दी सख्त हिदायत

जबलपुर : हाई कोर्ट ने तथ्य छिपाकर याचिका दायर किए जाने के रवैये को आड़े हाथों लिया। इसी के साथ 10 हजार जुर्माना लगाते हुए याचिका निरस्त कर दी। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने नाराजगी जताते हुए भविष्य में ऐसा न करने की भी हिदायत दी।
दरअसल, यह मामला अनूपपुर निवासी नारायण चतुर्वेदी की ओर से दायर किया गया था। जिसमें आरोप था कि अनूपपुर में अनावेदक केसर देवी बियानी व राजेंद्र कुमार बियानी ने अवैध तरीके से कालोनी निर्माण किया है। अपर कAर ने भी उन्हें बिक्री की अनुमति प्रदान कर दी है। इसके अलावा उन्हें कालोनाइजर का लाइसेंस भी जारी कर दिया गया है। याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पाया कि पूर्व में भी याचिकाकर्ता ने इसी संबंध में याचिका दायर की थी।
याचिका का निराकरण करते हुए हाई कोर्ट ने लोकायुक्त विभाग में दस्तावेज के साथ शिकायत करने के आदेश जारी किए थे। याचिकाकर्ता ने पूर्व में पारित आदेश का पालन न करते हुए दोबारा उसी मुद्दे को लेकर याचिका दायर की है, जिसमें पूर्व में दायर याचिका का भी उल्लेख नहीं किया गया। उक्त रवैये को आड़े हाथों लेते हुए हाई कोर्ट ने दायर याचिका 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए निरस्त कर दी