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बिहार: कृषि फीडर सोलराइजेशन स्कीम से क्रांति की उम्मीद, किसानों को खुशहाल बनाने का नया मिशन

बिहार में कृषि फीडर सोलराइजेशन योजना को किसानों का जबरदस्त समर्थन मिला है. इस योजना के तहत किसान अपनी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं या किराए पर देकर आय अर्जित कर सकते हैं. सरकार का लक्ष्य किसानों को सस्ती और विश्वसनीय बिजली प्रदान करना है. इस पहल से न केवल कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों को 25 वर्षों तक एक स्थिर आय स्रोत भी मिलेगा. ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा कि फीडर सोलराइजेशन योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है. इस योजना से किसानों को सस्ती, भरोसेमंद और दिन के समय बिजली मिलेगी, जिससे उनकी सिंचाई लागत घटेगी और कृषि उत्पादन बढ़ेगा.

उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों को अपनी भूमि पर सोलर प्लांट लगाकर अतिरिक्त आय अर्जित करने का अवसर भी देती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी. वहीं, पर्यावरण के लिहाज से यह पहल जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और कार्बन उत्सर्जन घटाने में मदद करेगी, जिससे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को नियंत्रित किया जा सकेगा. सौर ऊर्जा स्वच्छ, नवीकरणीय और दीर्घकालिक ऊर्जा स्रोत है, जो न केवल कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि हरित और सतत विकास को भी बढ़ावा देगा.

बिहार में सौर परियोजना का मिशन

इस योजना के तहत बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड 3681 कृषि/मिश्रित फीडरों को सोलराइज कर रही है. इस उद्देश्य से 6 विद्युत उपकेंद्रों पर 17.68 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए बिजली खरीद समझौता निष्पादित किया जा चुका है. वहीं, दूसरे चरण के लिए 1121 विद्युत उपकेंद्रों पर सोलराइजेशन हेतु निविदाएं आमंत्रित की गई थीं, जिसमें 113 निविदाकर्ताओं ने भाग लिया और 222 PSS के लिए आवेदन प्राप्त हुए हैं.

सौर परियोजना के तहत 1 मेगावाट सोलर प्लांट लगाने के लिए करीब 4 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती है. इस योजना के तहत सरकार की ओर से वित्तीय सहायता भी प्रदान की जा रही है, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा ₹1.05 करोड़ प्रति मेगावाट और बिहार सरकार ₹45 लाख प्रति मेगावाट का अनुदान दिया जा रहा है. इसके अतिरिक्त, बैंकों द्वारा किसानों को ऋण सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है.

सौर ऊर्जा आधारित इस योजना से माननीय मुख्य मंत्री की दूरदर्शी सोच “जल जीवन हरियाली ” के अभियान को भी बल मिलेगा जो भविष्य में बिहार के लिए एक मील का पत्थर सिद्ध होगा .

नवादा में चिकित्सा शिविर का आयोजन

बिहार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित डॉ. अंबेडकर कल्याण छात्रावास संख्या-01, नवादा में निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया. इस शिविर का नेतृत्व वरीय चिकित्सकों की टीम के द्वारा किया गया, जिसमें आवासित छात्रों के स्वास्थ्य की जांच की गई एवं आवश्यक चिकित्सीय परामर्श प्रदान किया गया.

अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के निर्देशानुसार, राज्य भर में संचालित सभी 118 डॉ. अंबेडकर कल्याण छात्रावासों में नियमित रूप से इस प्रकार के चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाता है.. इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य छात्रावास में आवासित छात्र-छात्राओं को स्वस्थ एवं अनुकूल वातावरण प्रदान करना, उनकी शारीरिक व मानसिक सेहत को सुदृढ़ बनाना जिससे उनके शैक्षणिक विकास में किसी प्रकार का अवरोध उत्पन्न न हो सके.

स्वास्थ्य जांच, आवश्यक दवा वितरण एवं परामर्श

इस अवसर पर चिकित्सकों की टीम ने विद्यार्थियों को स्वास्थ्य, स्वच्छता, पोषण, मानसिक तनाव प्रबंधन तथा संक्रामक रोगों की रोकथाम से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां दीं. साथ ही, उपस्थित छात्रों की स्वास्थ्य जांच, आवश्यक दवा वितरण एवं परामर्श भी प्रदान किया गया. इस अवसर पर उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि सम्पूर्ण राज्य के डॉ अम्बेडकर कल्याण छात्रावासों में इस प्रकार के शिविरों का आयोजन नियमित रूप से किया जाता है, जिससे विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ मिल सकें और वे पूर्ण रूप से स्वस्थ रहकर अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हो सकें.

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