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उचित रंगों के इस्तेमाल से सही कर सकते हैं अपने घर का वास्तु…जानें कौन से रंग लायेगें घर में पॉजीटिविटी

वास्तव में रंगों का विशेष महत्व होता है. रंग ग्रहों द्वारा संचालित होते हैं. हर रंग के पीछे कोई ना कोई ग्रह कार्य करता है, जैसे लाल रंग सूर्य को इंडिकेट करता है. जिस प्रकार ग्रहों का हमारे जीवन पर पूर्ण प्रभाव होता है, उसी प्रकार यह रंग भी हमारे जीवन पर पूर्ण प्रभाव डालते हैं, जैसे की काला रंग निर्ममता या कठोरता का होता है, इसलिए जज को काला कोट पहनाया जाता है जिससे वह कठोर निर्णय ले पाता है. एक वकील, जल्लाद को भी काले कपड़े पहनाए जाते हैं, जिससे उनके मन में ममता दया ना आ पाये. इसी प्रकार काले रंग को हम नेगेटिव कलर मानते हैं.वहीं बात करें व्हाइट कलर की उसको हम पॉजिटिव कलर मानते हैं. सफेद रंग का कोड डॉक्टर को पहनाया जाता है, नर्स,पादरी इन सभी की ड्रेस वाइट होती है. सफेद रंग में ममता, शीतलता, धैर्यता होती है. इसी प्रकार यह रंग हमारे जीवन हमारे व्यक्तित्व पर भी पूरा प्रभाव डालते हैं.इसी प्रकार वास्तु और रंगों का भी गहरा नाता है.अब बात कर लेते हैं आम जीवन में रंगों में थोड़ा बहुत परिवर्तन करके हम अपने घर का वास्तु कैसे ठीक कर सकते हैं तो चलिए जानते हैं.

घर का ड्राइंग रूम या लिविंग रूम

घर का ड्राइंग रूम या लिविंग रूम जिसमें घर के ज्यादा से ज्यादा लोग समय बिताते हैं वहां लाइट कलर का उपयोग करें, जैसे कि ऑफ व्हाइट, पिक, व्हाइट ऐसे कलर का इस्तेमाल करना ड्राइंग रूम के लिए सटीक होता है.

बेडरूम के रंग

बेडरूम यानी दामपत्य का कमरा इसमें पिंक कलर कर सकते हैं.अगर यह किसी विवाह इच्छुक लड़के का कमरा है तो उसमें आप ऑफ व्हाइट कर सकते हैं. अगर किसी लड़की के शीघ्र विवाह के लिए बेडरूम बनाया गया है तो उसमें पिक या गोल्डन येलो कलर कर सकते हैं.

बच्चों का कमरा

बच्चों के स्टडी वाले रूम को ग्रीन, येलो, ऑरेंज कर सकते हैं. आलसी बच्चों के रूम को लाल या ऑरेंज रंग का रख सकते हैं. अगर बच्चा एक्टिव है तो हरे, पीले रंगों का प्रयोग करें. बच्चों के रूम में कर्टन और बेडशीट को लाइट कलर की ऑफ व्हाइट कलर की ही रखें और पर्दे ऊपर चढ़ते हुए प्रिंट के होने चाहिए नीचे गिरते हुए प्रिंट के नहीं. पर्दे हरे रंग के भी हो सकते हैं.

बुजुर्गों के कमरा

घर के मुखिया का कमरा अगर उसकी उम्र 30 से 45 के बीच है तो लाइट ऑरेंज पिंक लाइट पिच या रेड रह सकता है. 45 से 60 साल के बुजुर्गों के कमरे को पीला या सफेद ही रखें.

रसोईघर का रंग

किचन अगर दक्षिण में हैं तो उसे लाल या ऑरेंज का रखें.

घर की छत का रंग

घर की छतों को हमेशा हल्के कलर का रखें. इनका कलर ऑफ व्हाइट या व्हाइट हो सकता है.

इन रंगों से घरों में बनायें दूरी

वॉलेट, पर्पल, ब्लैक, ब्लू, कलर्स को घर में अवॉइड करना चाहिए क्योंकि इसमें शनि राहु का वास होता है. जिससे घर के लोगों में आलस, स्वार्थ, चिड़चिड़ापन,नेगेटिविटी और बीमारी बढ़ती है.

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