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300 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती: शिकागो में ट्रंप के इस एक्शन से मचा हड़कंप, जानें विवाद का केंद्र

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गाजा युद्ध में अहम भूमिका निभा रहे हैं. जहां वो गाजा युद्ध को समाप्त करने के लिए एक्टिव मोड में हैं. वहीं, खुद उन्हीं के देश में शिकागो में हालात बिगड़ते जा रहे हैं. शिकागो एक बार फिर सुर्खियों में बना हुआ है. बिगड़ते हालात के चलते राष्ट्रपति ट्रंप ने रविवार को 300 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती का आदेश दिया है. हालांकि, इलिनॉइस के गवर्नर जे.बी. प्रिट्ज़कर ने इस कदम का विरोध किया है.

ट्रंप ने नेशनल गार्ड को तैनात करने का निर्णय उस घटना के बाद लिया जिसमें संघीय आव्रजन एजेंटों (federal immigration agents) और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई थी. इस झड़प के दौरान एक महिला को गोली लग गई.

महिला को लगी गोली

यह झड़प ब्राइटन पार्क इलाके में हुई, जहां यूएस बॉर्डर पेट्रोल एजेंटों ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों के करीब 10 वाहनों ने उनके वाहनों को घेर लिया और टक्कर मारी. एजेंटों के मुताबिक, एक महिला ने उन पर अर्ध-स्वचालित हथियार (semi-automatic weapon) तान दिया, जिसके बाद एजेंटों ने जवाबी फायरिंग की. गोली लगने के बाद वो महिला, जो अमेरिकी नागरिक है, खुद ही अस्पताल पहुंची, लेकिन उसकी हालत के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. किसी संघीय अधिकारी को गंभीर चोट नहीं आई है.

सुरक्षा बढ़ाने के आदेश

होमलैंड सिक्योरिटी सेक्रेटरी क्रिस्टी नोएम ने कहा कि क्षेत्र में सुरक्षा बनाए रखने के लिए विशेष ऑपरेशन टीमों को भेजा जा रहा है. उन्होंने हमले को बिना उकसावे और हिंसक कार्रवाई बताया.

क्यों हो रहा विरोध प्रदर्शन?

इस बीच, शिकागो में आव्रजन अधिकारियों (Immigration Officials) की बढ़ती मौजूदगी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गए है. प्रदर्शनकारियों ने ICE (Immigration and Customs Enforcement) केंद्रों के बाहर वाहनों का रास्ता रोका, जिसके जवाब में एजेंटों ने पेपर स्प्रे और रबर की गोलियों का इस्तेमाल किया.

गवर्नर और व्हाइट हाउस में टकराव

गवर्नर प्रिट्जकर नेशनल गार्ड को तैनात करने के खिलाफ थे. गवर्नर प्रिट्जकर ने ट्रंप के फैसले की कड़ी निंदा करते हुए कहा, यह पूरी तरह से अस्वीकार्य और गैर-अमेरिकी है कि एक राष्ट्रपति किसी राज्य के गवर्नर की इच्छा के विरुद्ध उसकी सीमाओं के अंदर सैन्य बलों की तैनाती का आदेश दे.

बढ़ते टकराव

यह गोलीबारी ऐसे समय में हुई है जब शिकागो, न्यूयॉर्क, लॉस एंजिलिस और पोर्टलैंड जैसे बड़े शहरों में लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. पिछले हफ्ते ब्रॉडव्यू ICE केंद्र के बाहर भी पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हुई थी, जहां हिरासत में लिए गए प्रवासियों के परिवहन को रोकने की कोशिश की गई थी. देशभर में प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि संघीय एजेंसियां अत्यधिक बल का इस्तेमाल कर रही हैं और लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है.

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