ब्रेकिंग
बिहार चुनाव सुरक्षा पर तेजस्वी यादव का निशाना! 'झारखंड-बंगाल से फोर्स नहीं बुलाई गई...', सुरक्षा ड्य... फ्रॉड विवाद से गरमाया तिरुपति मंदिर! क्या है लड्डू के प्रसाद से जुड़ा विवाद? जानें $200$ साल की अद्भ... दिल्ली को आर्थिक झटका! प्रदूषण के चलते बढ़ रहा स्वास्थ्य खर्च और घट रहा उत्पादन, शहर की 'तिजोरी' में... मालिकाना हक पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णायक फैसला! किरायेदार नहीं उठा सकता सवाल, जानिए क्या है 'एस्टोपल... एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला! सोनपुर मेले का वो इतिहास, जब भगवान विष्णु ने चलाया था सुदर्शन चक्र, इस ... हाई-फाई गर्लफ्रेंड का चस्का! लग्जरी गिफ्ट देने के लिए रांची के बॉयफ्रेंड ने किया बड़ा कांड, चुराए सो... खरगे का तीखा सवाल! 'जब भगवान के दान का हिसाब होता है, तो क्या RSS संविधान से भी ऊपर है?', संघ प्रमुख... कफ सिरप नहीं दिया उधार! रांची में नशेड़ियों ने डॉक्टर को गला रेतकर मार डाला, 'पत्नी चीखती रही, पर नह... 'मैं कुरान की कसम खाता हूं...' गठबंधन को लेकर बीजेपी नेता के बड़े दावे पर CM उमर अब्दुल्ला का दो टूक... बिहार चुनाव का 'मेगा वादा'! महागठबंधन ने जारी किया 12 वादों का चार्ट, 500 में सिलेंडर और 200 यूनिट फ...
विदेश

अफगानिस्तान से बढ़ा तनाव: सीमा पर अफगान टैंकों की तैनाती, क्या पाकिस्तान भीतरी और बाहरी आग में फंसा?

पाकिस्तान की संसद में 4 नवंबर को एक विशेष सत्र बुलाया गया. इसमें संविधान का 27वां संशोधन पेश किया जाएगा, जिसे पाकिस्तान की मिलिट्री स्टेट की आधिकारिक घोषणा करने की तैयारी समझा जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, यह संशोधन मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के पपेट डेमोक्रेसी मॉडल की तर्ज पर सेना को संविधानिक रूप से सर्वोच्च दर्जा देने की कोशिश है.

पाकिस्तानी सेना के भीतर पिछले कुछ महीनों में असंतोष और भारी संख्या में सैनिकों के हताहत होने से नाराजगी है. डीजी आईएसपीआर ने खुद माना है कि जनवरी से अक्टूबर 2025 तक 1667 उग्रवादी और करीब उतने ही सैनिक मारे गए. यानी सैनिकों और आतंकियों का 1:1.6 का अनुपात. यह आंकड़ा पाकिस्तान की सुरक्षा संरचना के भीतर मचे गहरे संकट की ओर इशारा करता है.

सूत्रों के अनुसार, आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर सेना और सुरक्षा एजेंसियों पर अपनी पकड़ को और मजबूत करना चाहता है. वहीं रावलपिंडी के जिहादी जनरल्स लगातार सत्तावादी रुख अपनाने पर जोर दे रहे हैं. सियासी विश्लेषक कह रहे हैं कि यह डॉलर फॉर डेड बॉडीज और डील्स फॉर डॉलर्स एंड दिनार की राजनीति का नतीजा है, जहां आर्थिक मदद के बदले मुनीर की सेना खुद को एकमात्र स्थिर शक्ति के रूप में पेश कर रही है.

अफगान मोर्चे पर हलचल, भारत भी सतर्क

पाकिस्तान की इस आंतरिक हलचल के बीच, अफगानिस्तान में हाल ही में हुए सैन्य अभ्यास ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है. काबुल में तैनात सेना ने पाकिस्तान सीमा के नजदीक एक काउंटर-इंसर्जेंसी वॉर गेम संचालित किया, जिसे इस्लामाबाद के लिए संदेश माना जा रहा है.

दूसरी ओर, भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना ने पूर्वोत्तर और समुद्री सीमाओं पर संयुक्त युद्धाभ्यास त्रिशूल (Trishul) शुरू किया है. यह अभ्यास भारत की त्रि-सेवा एकता और तीव्र प्रतिक्रिया क्षमता को प्रदर्शित करता है. भारत के लगातार युद्धाभ्यासों से मुनीर की फौज में खलबली है. पाकिस्तान डर के मारे Notam जारी किया जा रहा है. इससे साफ पता चलता है कि पाकिस्तान की सरकार और मुनीर की सेना दबाव में है.

रक्षा सूत्रों का मानना है कि दक्षिण एशिया में इस समय एक खतरनाक तीन-स्तरीय सामरिक हलचल जारी है.

  • पाकिस्तान की सेना की पूर्ण सत्ता पर कब्जे की कोशिश
  • अफगानिस्तान की सीमा पर सैन्य गतिशीलता
  • भारत की ओर से सीमित लेकिन सटीक रणनीतिक प्रतिक्रिया

क्या पाकिस्तान फिर से सैन्य शासन की ओर लौट रहा है?

27वां संशोधन अगर पारित हो जाता है तो यह पाकिस्तान के इतिहास में एक और मार्शल लॉ विदाउट द नेम होगा. यानी संविधान के भीतर सेना को सर्वोच्च बना देने वाला लोकतंत्र. सूत्र इसे पाकिस्तान के भीतर न्यूक्लियर स्टेट इन टर्मोइल (परमाणु अस्थिरता की स्थिति) कह रहे हैं, जहां जनरल मुनीर अपनी सत्ता को मिस्र की तरह स्थायी बनाना चाहते हैं लेकिन एक ऐसे देश में, जो पहले से ही आतंकवाद, कर्ज और राजनीतिक अस्थिरता की दलदल में फंसा है.

पाकिस्तान की अस्थिरता, अफगान सीमा पर सक्रिय जिहादी गुटों और भारत की त्रिशूल जैसी तैयारियां यह दर्शाती हैं कि नई दिल्ली किसी भी अस्थिर पड़ोसी के प्रभाव से निपटने के लिए पहले से सतर्क और तैयार है.

Related Articles

Back to top button