रसोई के चाकू को बनाया कूची और 24 कैरेट सोने पर उतार दिया…जो बना गजब बना

भोपाल: कलाकार अपना कैनवास भी ढूंढ लेता है और अपनी कूची भी. लेकिन भोपाल की चित्रकार नवाब जहां बेगम ने अपनी ये तलाश जहां जाकर खत्म की है, आप जानकर हैरान रह जाएंगे. नवाब जहां का कैनवास खरा खरा सोना और सौ टंच चांदी है. और इस कैनवास पर जो लकीरों से तस्वीर उभरती है वो रसोई के चाकू से.
भोपाल की इस कलाकार ने अपने कैनवास को एक पुल बनाया है. जिसमें मध्य प्रदेश का पारंपरिक गोंड और मांडना आर्ट दुनिया के दूसरे हिस्से तक पहुंचाया जा सके. 24 कैरेट सोने पर पेंटिग का विश्व रिकार्ड बना चुकीं नवाब जहां बेगम शायरी को अपने कैनवास का सब्जेक्ट बना लेती हैं. नवाब जहां बताती हैं चाकू से पेंटिग करने वाली वे पहली कलाकार हैं.
24 कैरेट कैनवास पर चाकू से उतरती कलाकारी
आप अंदाजा लगाइए कि पूरा एक कैनवास 24 कैरेट सोने का बना हो. सोने के इस कैनवास पर जो लकीरें हों वो रसोई में इस्तेमाल होने वाले चाकू की नोक के स्ट्रोक से बनाई गई हों. भोपाल की रहने वाली नवाब जहां बेगम ने ये कमाल किया है. उन्होंने भारत की पारंपरिक चित्रकारी को इस तरह सुनहरे कैनवास पर उतारा है. इस प्रयोग ने उन्हें दुनिया के नक्शे पर नई पहचान दी.
प्रयोग किया की मध्य प्रदेश की जो पारंपरिक कलाएं हैं उन्हें शुद्ध सोने और चांदी में पेश किया जाए. इस तरह से मैंने उन कलाओं को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर लाने का प्रयास किया.” वे बताती हैं, ”कलाकृतियों में खरे सोने को शामिल करने की बदौलत उनका काम और नाम विश्व रिकार्ड में दर्ज हुआ है. हार्वर्ड वर्ल्ड किराड्स लोंडन से मान्यता दी गई है.” नवाब जहां बेगम कहती हैं, ”बेशक सोने का इस्तेमाल है तो ये पेंटिंग अलग होती ही है. लेकिन उसके मंहगा होने की वजह सोने से ज्यादा उस कैनवास पर उतरी कला है.”
ताकि सबकुछ काटने वाला चाकू जोड़ने वाला भी बने
नवाब जहां बेगम ने रसोई के चाकू की परिभाषा बदल दी. वे कहती हैं, ”चाकू हमेशा काटता है हम सब यही जानते हैं. मैने सोचा क्यों ना इसी चाकू से दुनिया को जोड़ा जाए. तो मैं तो कैनवास पर चाकू से चित्र उकेरती हूं. उसमें मध्य प्रदेश का गोंड आर्ड, मांडना आर्ट और पारंपरिक कला को दर्ज करती हूं. हमारे प्रदेश और देश की ये पारंपरिक कलाकृतियां अब दुनिया भर में पहुंच रही हैं.” नवाब जहां बेगम की कलाकृतियां यूके, आस्ट्रेलिया, सऊदी अरब और मालदीव तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंची हैं. नवाब जहां को अब तक नारी शक्ति पुरस्कार वुमन ऑफ सब्सटेंस अवार्ड मिला है. 2024 में उन्हें पाइड ऑफ मध्य प्रदेश का ताज पहनाया गया.
जावेद अख्तर के शायरी नवाब जहां के कैनवास पर
नवाब जहां ने मशहूर शायर जावेद अख्तर की शायरी अपने कैनवास पर उतारी है. उनका एक शेर है, ”क्यों डरे जिंदगी में क्या होगा कुछ ना होगा तो तजुर्बा होगा.” नवाब जहां बेगम ने जावेद साहब की शायरी की लाइव कैलीग्राफी भी की. हाल में दुबई में 29 नवम्बर से शुरु हुए इंडिया क्लब फेस्टिवल में उनकी चुनिंदा 6 पेटिंग्स शामिल हुई हैं.सिरेमिक पर काम कर रहीं आर्टिस्ट निर्मला शर्मा कहती हैं, ”मुझे लगता है कि ये वाकई नया प्रयोग है. चाकू के मायने ही बदल दिए हैं. ऐसे प्रयोग कलाकार ही कर सकता है. हालांकि सिरेमिक में ऐसे कई औजार होते हैं हमारे पास लेकिन नवाब जहां ने तो पूरी तरह से चाकू का ही इस्तेमाल किया है.”






