ग्रेटर नोएडा को मिलेगा साफ लुक! 9 सेक्टरों में रेहड़ियों को मिलेगी नई जगह, दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया शुरू, जानें कितना होगा मासिक किराया, वेंडर्स को मिली राहत

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले में ग्रेटर नोएडा के रिहायशी सेक्टरों में अव्यवस्थित रूप से लगने वाली रेहड़ी-पटरी की समस्या को खत्म करने के लिए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने बड़ा कदम उठाया है. शहर के 4 सेक्टर बीटा-1, बीटा-2, अल्फा-2 और सेक्टर-36 में बनाए गए वेंडिंग जोन में पथ विक्रेताओं को जल्द ही दुकानों और तय स्थानों का आवंटन किया जाएगा. इस योजना के लागू होने से रिहायशी इलाकों को अतिक्रमण से राहत मिलेगी और पथ विक्रेताओं को भी स्थायी रोजगार का सहारा मिलेगा.
प्राधिकरण के अधिकारियों के मुताबिक पहले चरण में लॉटरी के माध्यम से 96 पथ विक्रेताओं का चयन किया गया है. इनमें से 69 विक्रेताओं ने निर्धारित शुल्क भी जमा करा दिया है. शुल्क जमा करने के बाद चयनित विक्रेताओं का घर-घर जाकर सत्यापन किया जा रहा है. अब तक 20 से अधिक आवेदकों का सत्यापन पूरा हो चुका है. शेष प्रक्रिया भी तेजी से पूरी की जा रही है,ताकि इसी माह सभी योग्य आवेदकों को स्थान आवंटित किया जा सके.
मासिक किराया 1500 रुपये तय
योजना के तहत पथ विक्रेताओं को तीन वर्षों के लिए जगह आवंटित की जाएगी. फल-सब्जी, फास्ट फूड के अलावा स्टेशनरी के लिए भी अलग-अलग स्थान तय किए गए हैं. रेहड़ी लगाने वालों को डेढ़ से दो मीटर तक जमीन दी जाएगी, जिसका मासिक किराया 1500 रुपये तय किया गया है. वहीं स्टेशनरी दुकानों के लिए चार मीटर जगह दी जाएगी, जिसके लिए 5000 रुपये मासिक किराया निर्धारित किया गया है.
इन 9 सेक्टरों में बनाई गईं छोटी-छोटी दुकान
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि इस योजना का मकदस न सिर्फ रिहायशी सेक्टरों को अतिक्रमण से मुक्त करना है, बल्कि पथ विक्रेताओं को भी सम्मानजनक और सुरक्षित स्थान उपलब्ध कराना है. साल 2022 में किए गए सर्वे में शहर में 619 पथ विक्रेताओं की पहचान की गई थी. अब तक अल्फा-2, बीटा-1, बीटा-2, गामा-2,पाई 1,पाई 2 डेल्टा 1 ओर डेल्टा 2 और सेक्टर-36 सहित नौ सेक्टरों में 529 पथ विक्रेताओं के लिए तय स्थानों पर छोटी-छोटी दुकानें बनाई जा चुकी हैं. इसके अलावा अन्य सेक्टरों में भी वेंडिंग जोन विकसित किए जा रहे हैं.
प्राधिकरण की टीमें कर रहीं सर्वे और निरीक्षण
एसीईओ प्राधिकरण ने बताया कि चार वेंडिंग जोन में आवेदन करने वाले 67 पथ विक्रेताओं का सत्यापन कर जल्द ही उन्हें स्थान आवंटित कर दिया जाएगा. इसके लिए प्राधिकरण की टीमें लगातार सर्वे और निरीक्षण कर रही हैं. इस योजना के लागू होने से जहां एक ओर शहर की सड़कों और रिहायशी इलाकों में ट्रैफिक और गंदगी की समस्या कम होगी, वहीं दूसरी ओर पथ विक्रेताओं को कानूनी पहचान और स्थिर रोजगार भी मिलेगा. प्राधिकरण का मानना है कि यह कदम ग्रेटर नोएडा को अधिक व्यवस्थित और स्वच्छ शहर बनाने की दिशा में अहम साबित होगा.






