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छत्तीसगढ़

कोरबा में क्रिसमस की तैयारिायां पूरी, मेनोनाइट चर्च में होगा विशेष आयोजन

कोरबा: ऊर्जाधानी कोरबा में क्रिसमस पर्व की तैयारियां पूरी कर ली गई है. शहर के मिशन रोड स्थित मेनोनाइट चर्च में क्रिसमस का खास आयोजन किया जाएगा. यह चर्च मसीही समाज के लिए बेहद खास है. इसकी स्थापना सन 1919 में हुई थी जिसका इतिहास 100 साल से भी ज्यादा पुराना है. यही वजह है कि मसीही समाज के अनुयायियों के लिए यह चर्च बहुत खास है.

मेनोनाइट चर्च मसीही समाज के लिए खास

मसीह समाज के पुराने वरिष्ठ लोगों से जेनरेशन दर जेनरेशन सूचनाएं हस्तांतरित होते हुए आई हैं. जिसके अनुसार इस चर्च की स्थापना 1919 में मिशनरियों ने की थी. तब भारत में अंग्रेजों का राज था. मिशनरी जहां भी जाते थे. चर्च की स्थापना के साथ अस्पताल और स्कूल भी खोलते थे. मेनोनाइट चर्च में एक पुराना मिशनरी स्कूल भी है. जिसका संचालन अभी भी चर्च की समिति द्वारा ही किया जाता है.

बड़े दिन का बेसब्री से इंतजार

मेनोनाइट चर्च में इस क्रिसमस के लिए खास तैयारी की गई है. महीने भर धन्यवादी पर्व मनाया गया है. समाज के अलग-अलग विंग के युवा हो बच्चे या बूढ़े सभी तैयारी में लगे हुए हैं. चर्च की साज सज्जा अंतिम चरण में है. सभी को बड़े दिन का बेसब्री से इंतजार है. जब प्रभु यीशु के आने की खुशी मनाई जाएगी.

महिला सभा और जवान सभा के अलग-अलग विंग

मेनोनाइट चर्च में बड़ी तादाद में विश्वास और मसीही समाज के अनुयाई प्रार्थना करने आते हैं. समाज के अलग-अलग विंग हैं. जिसमें महिला विंग के साथ ही इस तरह के अलग-अलग संगठन हैं. सभी क्रिसमस की अपने-अपने स्तर पर तैयारी करते हैं.

सभी को अलग-अलग दायित्व दिया गया है. किसी को साज सजावट तो किसी को मंच संचालन तो कोई ड्रामा और कोरियोग्राफी का काम कर रहा है. सभी अपनी तैयारी को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. 25 तारीख को क्रिसमस के दिन सभी अपनी तैयारी का प्रदर्शन करेंगे और धूमधाम से यह पर्व मनाएंगे.

ड्रामा कोरियोग्राफी के साथ विशेष गाने की तैयारी

मसीह समाज ने क्रिसमस के लिए ड्रामा तैयार किया है. जिसमें प्रभु यीशु का जन्म और प्रभु के आने की खुशी का ड्रामा तैयार किया गया है. विशेष कोरियोग्राफर की टीम है. जिन्होंने यह पूरा कार्यक्रम तैयार किया है. कई विशेष गाने इस दिन गए जाते हैं. इन्हें भी अंतिम टच किया गया है. महीने भर यह कार्यक्रम आयोजित होते है. धूमधाम से क्रिसमस मनाने की तैयारी है.

“संसार के कल्याण के लिए परमेश्वर न भेजा अपना पुत्र”

मेनोनाइट चर्च के पादरी निशांत नंद ने बताया कि क्रिसमस का पर्व मसीह समाज के लिए बेहद खास होता है. हमारे धर्म में समाज का कल्याण बलिदान के बाद ही माना गया है. मानव जाति के कल्याण के लिए परमेश्वर ने अपने इकलौते पुत्र प्रभु यीशु को धरती पर भेजा था. हम सबके पापों को प्रभु यीशु ने अपने ऊपर लिया और क्रूस पर चढ़कर अपना बलिदान दिया. उनके बलिदान से ही हमें अपने पापों से छुटकारा मिला है. जो भी प्रभु यीशु पर विश्वास करेगा, वह किसी भी धर्म का हो किसी भी भाषा का हो, वह अपने जीवन में पाप से छुटकारा पायेगा. जो शांति के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.

मेनोनाइट चर्च कॉन्फ्रेंस के पावर ऑफ अटॉर्नी और मसीही समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले रवि पी सिंह ने इस चर्च के बारे में विशेष जानकारी दी है. उन्होने कहा कि साल 1900 की शुरुआत में यूएसए के अंग्रेज करनेलियस एच सुकाऊ और उनकी पत्नी लूलू सुकाऊ यहां आए थे.

हमारे पूर्वज हमें बताते हैं कि लोग घर से बाहर सिर्फ दिन में बाहर निकलते थे. क्योंकि उन्हें जानवरों का खतरा होता था. तब कोरबा नगर कोरबा कोरबाडीह के नाम से जाना जाता था. प्रभु की दया और मानव सेवा का संकल्प लेकर अंग्रेज यहां पहुंचे थे.अमेरिकन मिशनरियों ने यहां अभूतपूर्व काम किया. मानव सेवा के क्षेत्र में कई रिकॉर्ड भी बनाए- रवि पी सिंह, पावर ऑफ अटॉर्नी, मेनोनाइट चर्च कॉन्फ्रेंस, कोरबा

रवि पी सिंह ने बताया कि यहां के मिशनरी स्कूल में पढ़े लिखे लोग उच्च पदों तक पहुंचे. उन्होंने क्षेत्र का कायाकल्प कर दिया. अगर वो यहां नहीं आते तो आज समाज यहां तक नहीं पहुंच पाता. खासतौर पर क्रिश्चियन समाज के लिए मिशनरियों का योगदान अतुलनीय है. उन्होंने पूरी तन्मयता से मानव की सेवा की. जिसके कारण ही क्रिसमस पर बल्कि हर यादगार मौके पर उन्हें याद करते हैं.

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