विनोद कुमार शुक्ल का अंतिम संस्कार, वरिष्ठ साहित्यकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता का निधन

रायपुर: वरिष्ठ साहित्यकार और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता विनोद कुमार शुक्ल का 23 दिसंबर 2025 को निधन हो गया. आज उनका अंतिम संस्कार मारवाड़ी श्मशान घाट में किया गया. साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ला के बेटे सारस्वत शुक्ला ने उन्हें मुखाग्नि दी.
विनोद कुमार शुक्ल को श्रद्धांजलि
जाने माने साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया. अंतिम संस्कार से पहले मारवाड़ी मुक्ति धाम बूढ़ा तालाब में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस दौरान मुक्ति धाम में बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने विनोद कुमार शुक्ल को श्रद्धांजलि दी. सांसद बृज मोहन अग्रवाल, कांग्रेस नेता और पूर्व मेयर प्रमोद दुबे, विधायक अनुज शर्मा, बिलासपुर के कवि और साहित्यकार राम कुमार तिवारी, कांग्रेस के पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, रायपुर कलेक्टर, एसएसपी, जिला पंचायत के सीईओ, एसडीएम सहित कई साहित्यकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
उनका चला जाना एक युग की समाप्ति है. इसकी भरपाई कोई नहीं कर पाएगा.उनके आशीर्वाद से फिर से कोई साहित्यकार जन्म ले जो छत्तीसगढ़ और देश में पहचान बना पाएं -बृजमोहन अग्रवाल सांसद, रायपुर
उनके बारे में कुछ कहना, उनकी रचनाओं के बारे में कहना छोटी मुंह बड़ी बात है-अनुज शर्मा विधायक धरसीवा
विनोद कुमार शुक्ल कहते थे अपने काम के लिए खुद जाना चाहिए, ये उनका महान व्यक्तित्व है –प्रमोद दुबे, कांग्रेस नेता पूर्व महापौर नगर निगम रायपुर
एक बड़ा शून्य है, पूरे भाषायी संस्कार के लिए. विनोद जी की एक बड़ी मानवीय और गरिमामयी उपस्थिति थी. बहुत विकट समय है –रामकुमार तिवारी, कवि, बिलासपुर
छत्तीसगढ़ के साहित्यकार को पहली बार ज्ञानपीठ पुरस्कार
विनोद कुमार शुक्ल को कुछ दिन पहले ही देश के सर्वोच्च साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से अलंकृत किया गया था. 22 नवंबर को उन्हें इस सम्मान से उनके रायपुर निवास पर सम्मानित किया गया. छत्तीसगढ़ से किसी साहित्यकार को पहली बार ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला.
88 साल की उम्र में विनोद कुमार शुक्ल ने ली अंतिम सांस
लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे विनोद कुमार शुक्ल का इलाज पिछले कई दिनों से रायपुर एम्स में चल रहा था. उनके निधन से न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि संपूर्ण देश का साहित्य जगत शोकाकुल है.
विनोद कुमार शुक्ल
जाने माने साहित्यकार, लेखक, कवि, रचनाकार विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में हुआ था. विनोद कुमार शुक्ल को हिन्दी साहित्य के सर्वश्रेष्ठ लेखकों में गिना जाता है. विनोद कुमार शुल्क का लेखन आम आदमी के जीवन, प्रकृति, मनुष्य की भीतरी संवेदनाओं और सामाजिक यथार्थ को अत्यंत सहजता और गहराई के साथ प्रस्तुत करता रहा. वे अक्सर कहते थे कि उन्हें अभी बहुत कुछ लिखना बाकी है.
विनोद कुमार शुक्ल की प्रमुख रचनाएं
- नौकर की कमीज
- खिलेगा तो देखेंगे
- दीवार में एक खिड़की रहती थी
- एक छुपी जगह






