उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने किया आर्थिक सशक्तिकरण पर पुस्तक का लोकार्पण

नई दिल्ली/धर्मशाला : उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने हिमाचल के राज्य सभा सांसद प्रोफेसर (डॉक्टर) सिकंदर कुमार द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पिछले 11 साल के कार्यकाल के दौरान आर्थिक क्षेत्र में प्राप्त की गई उपलब्धियों पर लिखी पुस्तक “मोदी युग में भारत का आर्थिक सशक्तिकरण “का आज उपराष्ट्रपति एन्क्लेव नई दिल्ली में विमोचन किया।
इस अवसर पर बोलते हुए उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आर्थिक नीतियों की वजह से आज भारत विश्व की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दलहीज पर है। उन्होंने कहा की वर्ष 2014 से मोदी सरकार की गवर्नेंस नीतियों की वजह से भारत 2047 में विकसित देश के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। उन्होंने कहा की देश में जीएसटी लागू होने से आज पूरा देश एक सांझा बाजार बन कर विकसित हुआ है जिसका सीधा लाभ छोटे, मंझोले व्यापारियों और किसानों को मिल रहा है। उन्होंने कहा की आज पंजाब का किसान अपनी उपज केरल बेच सकता है और हिमाचल प्रदेश का हथकरघा व्यापारी अपना सामान तमिलनाडु भेज सकता है और इसके लिए सभी प्रक्रियाएं वह अपने घर से ही कर सकता है जबकि पहले उसे खुद उत्पाद के साथ सफर करना पड़ता था। उन्होंने कहा की नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद राज्यों में जीएसटी लागु करने के लिए व्यावहारिक कदम उठाये जिसके अन्तर्गत केन्द्र सरकार ने राज्यों को नुकसान की भरपाई की व्यवस्था की जिसके चलते पुरे देश में जीएसटी कर प्रणाली आम सहमति से लागु की जा सकी और अफसर राज खत्म हो गया।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा की देश में जीरो बैलेंस के साथ बैंक खाते खोलने से हर नागरिक को बैंकिंग सुविधा उपलब्ध करवा दी गई और आज समाज के निचले तवके के करोड़ो रुपये बैंक खातों में जमा है। उन्होंने कहा की इन बैंक खातों की वजह से आज केन्द्र और राज्य सरकारों की अनुदान योजनाओं की पूरी राशि गरीब लोगों के सीधे खाते में जमा हो रही है और विचोलिए और दलालों की भूमिका खत्म हो गई है। उन्होंने कहा की पहले कुछ राज्य सरकारें इस प्रणाली का विरोध करती थी लेकिन अब वही राज्य सरकारें इसी प्रणाली का उपयोग करके अपने नागरिकों को डीबीटी के माध्यम से लाभ पहुंचा रही हैं। उन्होंने बताया की आर्थिक क्षेत्रों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साहसी और निर्णायक कदम उठाए हैं तथा डीबीटी के माध्यम से 47 लाख करोड़ रुपए सीधे लाभार्थियों के अकाउंट में ट्रांसफर किए जा चुके हैं और इस सिलसिले में किसान सम्मान निधि का हवाला दिया।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने कहा की आज किसानों को उनकी जमीन अधिग्रहण के लिए पहले की बजाय तिगुने रेट दिए जा रहे है। उन्होंने समाज की कमजोर वर्ग के लिए मुफ्त योजनाओं की सही ठहराते हुए कहा की यह वोट बैंक नहीं बल्कि समाजिक सुरक्षा है। उन्होंने कहा की बिजली का नेशनल ग्रिड बनने से आज पुरे देश में बिजली की कटौती खत्म हो गई है और जनरेटर युग भी समाप्त हो गया है। उन्होंने बताया की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नीतियों की वजह से आज देश में विदेशी निवेश तेजी से आकर्षित हो रहा है जिससे करोड़ों रोजगार बढ़ेंगे और नई आर्थिक क्रांति की शुरुआत होगी। उन्होंने पुस्तक के लेखक प्रोफेसर (डॉक्टर) सिकंदर कुमार द्वारा पुस्तक लिखने के लिए की गई कड़ी मेहनत और लगन की प्रसंशा की और कहा की इस शानदार कार्य से बाकि लोगों को प्रेरणा मिलेगी और समाज को नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए कार्यो के दिलचस्प पहलुओं के बारे में जानकारी मिलेगी।
इस अवसर पर बोलते हुए हिमाचल के राज्य सभा सांसद प्रोफेसर (डॉक्टर) सिकंदर कुमार ने कहा की जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता ग्रहण की थी तो मुद्रा स्फीति की दर 10 प्रतिशत थी और राजकोषीय घाटे की दर 4.1 प्रतिशत थी और रोजगार के साधन नगण्य थे जबकि मोदी शासन में देश 7 से 8 प्रतिशत विकास दर दर्ज़ कर रहा है। उन्होंने कहा की उत्पादन का सकल घरेलू उत्पाद 15.7 प्रतिशत से बढ़कर अब 17 प्रतिशत हो गया है जोकि 2030 में बढ़कर 25 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। उन्होंने बताया की आज देश में 220 गीगा वाट रिन्यूअल ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा की अकेले वर्ष 2025 के दौरान 173 बिलियन युपीआई लेन-देन के माध्यम से 22 लाख करोड़ मुद्रा का लेन-देन किया गया। उन्होंने बताया की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल के दौरान 748 बिलियन अमेरिका डॉलर का विदेशी निवेश आकर्षित किया गया जिससे 17 करोड़ नई नौकरियां सृजित की गई।
इससे पहले सांसद प्रोफेसर (डॉक्टर) सिकंदर कुमार, उनकी धर्मपत्नी ज्योति देवी और बेटों ने उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का पहाड़ी टोपी, शाल पहना कर स्वागत किया और मां भीमा काली की प्रतिमा भेंट की। इस अवसर पर भाजपा राष्ट्रीय संगठक वी सतीश के अलावा अनेक गण्यमान्य व्यक्ति शामिल थे।






