भारत का आत्मनिर्भर रक्षा क्षेत्र पूरे हिंद महासागर क्षेत्र के लिए अहम : पीएम मोदी

नई दिल्ली। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लिए 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगाकर उसे स्वदेश में ही निर्मित करने के फैसले के बाद ऐसी दूसरी सूची पर भी काम शुरू हो गया है। आयात पर प्रतिबंध लगाने वाली अगली सूची में ज्यादा एडवांस रक्षा उपकरण शामिल हो सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका संकेत देते हुए इसके राष्ट्रीय और वैश्विक प्रभाव का भी इजहार किया।
नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी
उन्होंने कहा कि इससे जहां भारत की शक्ति बढ़ेगी, देश में उद्योग और रोजगार बढ़ेगा, वहीं पूरे हिंद महासागर क्षेत्र मे नेट सिक्योरिटी प्रोवाइडर के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी और पड़ोसी देशों को रक्षा उपकरण प्रदाता के रूप में भारत स्थापित होगा। दक्षिण चाइनी सी में चीन की बढ़ती भूमिका के मद्देनजर प्रधानमंत्री का यह बयान अहम है। उद्योग जगत और सरकार के बीच संवाद बनाने के लिए आयोजित ‘आत्मनिर्भर भारत डिफेंस इंडस्ट्री आउटरीच’ जैसे पहले वेबीनार को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर भी निशाना साधा।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस काल पर भी साधा निशाना
उन्होंने कहा कि जब भारत आजाद हुआ था तो देश ने सौ साल से भी ज्यादा समय से स्थापित रक्षा उत्पादन का इको सिस्टम था। लेकिन कभी इस पर ध्यान नहीं दिया गया। हमारे बाद शुरू करने वाले देश आगे निकल गए लेकिन भारत आयातक बन गया। दशकों तक आर्डनेंस फैक्ट्री को सरकारी विभाग की तरह चलाया गया। लेकिन अब बदलाव शुरू हुआ है। ध्यान रहे कि राफेल के वक्त कांग्रेस की ओर से एचएएल को ठेका न दिए जाने को मुद्दा बनाते हुए आरोप लगाया गया था।
आयात पर प्रतिबंध उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में 101 उपकरणों के आयात पर पाबंदी की बात करते हुए कहा कि यह और व्यापक बनेगा। इसमे नए नए आयटम जुड़ते जाएंगे। लेकिन यह केवल आयात को रोकने के लिए नहीं है। यह उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए है। निजी उद्योग, स्टार्टअप, एमएसएमई इसमें हिस्सा ले सकते हैं। यह रोजगार के एक बड़ा क्षेत्र बनेगा। सरकार एक ऐसा माहौल बना रही है जिसमें यह हर किसी के फायदेमंद होगा। रक्षा क्षेत्र में 74 फीसद एफडीआइ को आटोमैटिक रूट से अनुमति दी गई है। उन्होंने भरोसा दिया कि इसके साथ ही प्रक्योरमेंट, क्वालिटी और टेस्टिग की प्रक्रिया को भी सरल और नियोजित किया जा रहा है। लाइसेंसिग प्रक्रिया में सुधार, आफसेट प्रक्रिया में सुधार, निर्यात पालिसी के सरलीकरण पर काम हो रहा है।
सरकार 1.40 लाख करोड़ का रक्षा उत्पाद स्वदेश मे भी खरीदेगी
इससे पहले वेबीनार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सीडीए बिपिन रावत ने भी संबोधित किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आत्मनिर्भरता वस्तुत: हमारे आत्मविश्वास और शक्ति का परिचायक है। उन्होंने डिफेंस प्रोडक्शन एंड एक्सपोर्ट प्रमोशन पालिसी में क्षेत्रों के लिए प्रोत्साहन का भी जिक्र किया और कहा कि आने वाले समय में सरकार 1.40 लाख करोड़ का रक्षा उत्पाद स्वदेश मे भी खरीदेगी। उन्होंने इसका भी जिक्र किया कि उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में डिफेंस कारीडोर स्थापित किया जा रहा है। जबकि सीडीएस रावत ने भविष्य में आने वाली चुनौतियों का इजहार करते हुए कहा कि जैसे जैसे भारत का रुतबा बढ़ेगा, सुरक्षा के मुद्दे भी ज्यादा उभरेंगे। ऐसे में स्वदेशी टेक्नोलाजी से बने उपकरणों से जीत हासिल करने से ज्यादा खुशी की बात नहीं होगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि रक्षा क्षेत्र स्वदेशी रक्षा उद्योग को पूरी मदद करेगा।
रावत ने कहा कि हमारे पास उच्च-क्षमता वाले स्वदेशी हथियारों का उत्पादन करने की क्षमता और इच्छाशक्ति है। सरकार की ओर से दिखाए गए सही रास्ते और आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के साथ, अब समय है कि हम आत्मनिर्भर बनें और रक्षा उपकरणों के शुद्ध निर्यातक बनें।’ उन्होंने कहा कि सशस्त्र सेनाएं ‘आत्मानिभर भारत’ का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारत में विकसित तकनीकों और उपकरणों के साथ युद्ध में जीतने से ज्यादा संतुष्टि हमें कुछ नहीं देगी।